रायपुर, छत्तीसगढ़, नगरc संवाददाता: कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए एकमात्र साधन टीकाकरण को कराने के लिए लोग वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंच रहे हैं। वैक्सीनेशन कराने में दिव्यांगजन भी पीछे नहीं हैं। दिव्यांगजन या तो स्वयं या अपने साथियों के साथ पहुंचकर कोविड-19 का टीकाकरण करवाकर खुद को और परिवार को भी कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित कर रहे हैं।
कारगिल युद्ध के समय सर्वाइकल इंजरी के कारण दिव्यांग हुए ग्राम गिधौरी के चंद्रसेन ढीढी कहते हैं. कारगिल युद्ध के समय सर्वाइकल इंजरी के कारण मेरे शरीर को पैरालाइसिस हो गया था। मनुष्य जीवन में कई धर्म निभाने होते हैं। उसी में एक धर्म शरीर को स्वस्थ रखना भी होता है। कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए शरीर धर्म कहता है कि टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प है।
टीकाकरण से ही हम स्वयं सुरक्षित हो सकते हैं। मेरे परिवार में शत-प्रतिशत टीकाकरण हो गया है। मेरा बेटा भी आर्मी में है उसकी पोस्टिंग भोपाल में है। वह भी अपना टीकाकरण कराने के बाद छुट्टी से वापस देश सेवा के लिए चला गया है।
चंद्रसेन ढीढी बताते हैं. मैंने प्रथम डोज दो अप्रैल को लिया था। कल मैंने दूसरा डोज लगवाया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेरा वैक्सीनेशन मेरे वाहन पर आकर ही किया। मैं अपने सभी छत्तीसगढ़वासियों से अपील करता हूं कि जिस प्रकार एक सैनिक दुश्मन से देश की रक्षा करता है, उसी प्रकार कोविड-19 संक्रमण से देश को सुरक्षित करना है तो शत प्रतिशत टीकाकरण करवाएं। कोई भी एक व्यक्ति न छूटे तभी हमारा घर परिवार समाज और देश सुरक्षित होगा।
कोविड-19 से बचाव का टीका लगवाने आए वार्ड 5 तिल्दा निवासी हरीश कृष्णानी बताते हैं. जब मैं वैक्सीनेशन करवाने आयाए यहां मौजूद सिस्टर ने मुझे बाहर आकर ही वैक्सीन लगाई और उसके बाद आधा घंटा मुझे ऑब्जरवेशन में रखा गया। कोविड-19 के संक्रमण से बचने के एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है। लोग पहले से अधिक जागरूक हो रहे हैं।
बीपीएम तिल्दा ममता सुनानी कहती हैं. प्रत्येक केंद्र पर टीकाकरण के लिए जारी कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए टीकाकरण किया जा रहा है। साथ ही दिव्यांगजनों और अति बुजुर्ग लोगों को प्राथमिकता देते हुए उनके वाहन तक जाकर भी टीकाकरण किया जा रहा है। विभाग का मूल उद्देश्य यही है कि कोई भी व्यक्ति टीकाकरण से नहीं छूटे।