खैरागढ़ विधानसभा सीट से विधायक देवव्रत सिंह का निधन

रायपुर, नगर संवाददाता: छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा सीट से विधायक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता देवव्रत सिंह का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 52 वर्ष के थे।
सिंह के परिवार के सदस्य सुनील सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बृहस्पतिवार को बताया कि देवव्रत सिंह को रात करीब एक बजे सीने में दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सिंह ने बताया कि देवव्रत सिंह के परिवार में एक पुत्र और पुत्री है। कुछ वर्ष पहले ही उनका अपनी पत्नी से तलाक हुआ है।
उन्होंने बताया कि अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह को कमल विलास महल में रखा गया है। शाम को खैरागढ़ में अंतिम संस्कार होगा।
इस वर्ष मार्च माह में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान देवव्रत सिंह कोरोना वायरस से भी संक्रमित हुए थे।
खैरागढ़ राजपरिवार के सदस्य देवव्रत सिंह पहली बार वर्ष 1995 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। बाद में वह वर्ष 1998 और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद वर्ष 2003 में कांग्रेस के टिकट पर तथा वर्ष 2018 में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के टिकट पर निर्वाचित हुए थे ।
सिंह ने वर्ष 2007 में राजनांदगांव लोकसभा सीट का भी प्रतिनिधित्व किया था। इस सीट पर हुए उपचुनाव में वह निर्वाचित हुए थे। वह कांग्रेस के तेज तर्रार नेता माने जाते थे। राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के करीबी रहे सिंह ने दिसंबर 2017 में पार्टी नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़ दी थी। बाद में वह वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) में शामिल हो गए थे। सिंह ने इस चुनाव में जोगी की पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ा और खैरागढ़ से चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए।
वर्ष 2020 में अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के दौरान देवव्रत सिंह ने पार्टी के विरोध में जाकर सत्ताधारी कांग्रेस का साथ दिया था। जबकि इस उपचुनाव में पार्टी ने मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया था। इस चुनाव के बाद देवव्रत सिंह के कांग्रेस में वापसी के भी कयास लगाए जा रहे थे।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here