घरों को तोडने की रूकवाई कार्यवाही, हफ्ते में होगी कागजातों की जांच

सोनीपत, नगर संवाददाता: अंबेडकर कालोनी में नोटिस दिए गए 80 घरों को तोडने के लिए पुलिस बल के साथ पहुंची हुडा विभाग की टीम को पूर्व मंत्री कविता जैन ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करने से रोका। साथ ही उन्होंने टीम को वापस भेजते हुए आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर कालोनीवासी कार्यालय में आकर अपने कागजातों की जांच करवायेंगे। वहीं उन्होंने कालोनीवासियों को भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़़ी तो वे अति शीघ्र मुख्यमंत्री से इस बाबत बातचीत करेंगी, किंतु किसी के भी घरों को नहीं उजडने देंगी।

अंबेडकर कालोनी में अस्सी परिवारों को विभाग ने नोटिस देते हुए घर खाली करने के आदेश दिए हैं। इन घरों को तोडने के आदेश जारी किये गये हैं, जिसके चलते गत दिवस ही कालोनीवासियों ने हरियाणा की पूर्व केबिनेट मंत्री कविता जैन से गुहार लगाई थी। इसके दूसरे ही दिन हुडा विभाग की टीम पुलिस बल के साथ कालोनी पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम देने की तैयारी शुरू कर दी। इसी बीच कालोनीवासियों ने पूर्व मंत्री को मोबाईल पर सूचना दे दी, जिस पर वे तुरंत मौके पर पहुंची।

मौके पर पहुंचते ही पूर्व शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने टीम के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने टीम के अधिकारियों को समझाया और दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य स्थापित किया। टीम की अपील पर उन्होंने भरोसा दिया कि कालोनीवासी निर्धारित समयसीमा के भीतर पर अपने कागजातों की जांच करवायेंगे। उनके आश्वासन के बाद टीम बिना कोई कार्रवाई किये वापस लौट गई, जिस पर कालोनीवासियों ने उनका आभार जताया।

इस दौरान पूर्व मंत्री कविता जैन ने कालोनीवासियों को विश्वास दिलाया कि उनके आशियानों को उजडने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे और उनकी सरकार बसाने का काम करती है। इसलिए लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। अंबेडकर कालोनी के मामले में समाधान निकाला जाएगा। इसके लिए वे प्रयासरत हैं। लोगों के घरों को बचाने के लिए वे उच्च स्तर तक बात करेंगी। हर संभव प्रयास किया जाएगा, लेकिन लोगों से उनके घर नहीं छिने जायेंगे।

पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि अंबेडकर कालोनी में लोग पिछले 30-30 वर्षों से अपना घर बनाकर रह रहे हैं। यहां सीवर की लाइन डल चुकी है। गलियां बनाने के लिए पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने डी-प्लान से स्वीकृति प्रदान करवाई है। पेयजल की लाइन का काम जल्द शुरू होना है। ऐसे में लोगों के घर उजाडने का कोई औचित्य नहीं बनता। इस मामले में लोगों के साथ सहयोग करना चाहिए। लोगों के घरों के संरक्षण के लिए समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए, जिसके लिए वे हर संभव प्रयास करेंगी।

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