गुरुग्राम, हरियाणा, नगर संवाददाता : दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर 24 घंटे ट्रैफिक का दबाव रहता है। खासकर पीक आवर के दौरान अधिक दबाव रहता है। इस दौरान एक से दो मिनट भी ट्रैफिक रुकने का असर आधे से एक घंटे तक दिखता है। इसे देखते हुए लंबे समय से मांग चल रही है कि पीक आवर ही नहीं बल्कि दिन में कहीं भी एक्सप्रेस-वे पर रखरखाव के कार्य न किए जाएं। यहां तक कि सफाई भी रात में ही होनी चाहिए लेकिन इसके ऊपर रखरखाव कंपनी ध्यान देने को तैयार नहीं है।
अनुमान के मुताबिक सिरहौल बार्डर से प्रतिदिन तीन से चार लाख वाहन निकलते हैं। खेड़कीदौला टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन 75 से 80 हजार वाहन निकलते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिरहौल बार्डर से लेकर खेड़कीदौला टोल प्लाजा के बीच ट्रैफिक का कितना दबाव रहता है। सेक्टर-40 निवासी राजकुमार एवं जयशंकर प्रसाद कहते हैं कि वाहनों के दबाव को देखते हुए एक्सप्रेस-वे पर रात 10 बजे से सुबह छह बजे के दौरान ही रखरखाव के कार्य व साफ-सफाई करानी चाहिए। खासकर पीक आवर के दौरान यानी सुबह आठ से 11 बजे एवं शाम पांच से रात आठ बजे के दौरान किसी भी हाल में कार्य नहीं होना चाहिए। इस बारे में एनएचएआइ के परियोजना निदेशक निर्माण जामभुलकर कहते हैं कि रखरखाव के कार्य से लेकर सफाई कार्य भी रात में ही कराने के ऊपर जोर दिया जाएगा। कई बार दिन में कार्य करना आवश्यक हो जाता है।
वाहनों के टकराने से ट्रैफिक का दबाव दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर सिगनेचर टावर चौक के नजदीक आगे-पीछे चल रही दो कारें सोमवार सुबह लगभग साढ़े 10 बजे टकरा गईं। इससे लगभग एक घंटे तक दो से तीन किलोमीटर तक ट्रैफिक का दबाव बना रहा। इससे कामकाजी लोग काफी परेशान रहे। हालांकि पुलिस कुछ ही देर के भीतर पहुंच गई थी लेकिन पीक आवर के दौरान हादसा होने से कुछ ही मिनट में ट्रैफिक का दबाव दो से तीन किलोमीटर बन गया था। बताया जाता है कि हादसे में कारों का नुकसान हुआ लेकिन उनमें बैठे लोगों को चोट नहीं लगी।