पटौदी, नगर संवाददाता: पटौदी के उपमंडलीय अस्पताल में टीबी नियंत्रण को लेकर आयोजित बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निजी चिकित्सकों का भी सहयोग मांगा व उन्हें रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में पटौदी की एसएमओ डा. नीरू यादव व विश्व स्वास्थ्य संगठन के टीबी विशेषज्ञ डा. कृतिका बंसल व डा. अनुज जांगड़ा तथा क्षेत्र के टीबी रोग प्रभारी डा. दीपक पूरी ने कहा कि टीबी रोग विश्व के लिए एक अभिशाप है व इससे प्रति मिनट विश्व में तीन लोगों की मौत हो रही है। यह एक संक्रामक रोग है व टीबी का एक रोगी 10 से 15 व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है।
इन सबको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रोग का 2025 तक उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा है। यह कार्य निजी चिकित्सकों व अन्य स्वयंसेवियों के सहयोग से ही संपन्न हो सकता है। उन्होंने निजी चिकित्सकों से अपील की कि वे टीबी के लक्षणों वाले रोगियों की सूचना हर हाल में स्वास्थ्य विभाग को दें। स्वास्थ्य विभाग न केवल उनके सभी टेस्ट निशुल्क करेगा अपितु रोगी को दवाइयां भी निशुल्क दी जाएंगी। साथ ही उन्हें पौष्टिक भोजन के लिए 500 रुपये प्रति माह भी देगा। यही नहीं सूचना देने वाले चिकित्सक को भी विभिन्न चरणों मे धनराशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ रही है जिनपर सामान्यतया दी जाने वाली दवाएं काम नहीं कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग संदेह होने पर अब रोगी की जांच सीबीनाट टेस्ट से भी कराता है, जिसमें रोग की पकड़ आसानी से हो जाती है। साथ ही अब इसकी भी जांच की जाती है कि रोगी की टीबी पर सामान्य दवाइयां कार्य करेंगी या नहीं व कहीं उसका रोग एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) तो नहीं है।
उन्होंने बताया कि ऐसे रोगी से यदि किसी को यह रोग होता है तो उसे भी एमडीआर टीबी ही होती है व उन्हें अपेक्षाकृत अधिक साइड इफेक्ट वाली दवाएं देनी पड़ती हैं। टीबी रोगी के लिए दवाएं नियमित रूप से लेना आवश्यक बताते हुए उन्होंने बताया कि बीच-बीच में दवाएं छोड़ देने वाले टीबी के सामान्य रोगी भी एमडीआर टीबी की श्रेणी में चले जाते हैं। यदि समय पर नियमित रूप से इलाज किया जाए तो रोगी बिल्कुल ठीक हो जाता है, परंतु इसके लिए जरूरी है कि उसकी समय रहते पहचान हो।
दो सप्ताह से अधिक की खांसी, बुखार, वजन कम होना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे सभी रोगियों को बिना किसी देरी के अपनी जांच करानी चाहिए। उन्होंने निजी चिकित्सकों से अपील की कि वे इस प्रकार के लक्षणों वाले रोगी के आने पर उसे हर हाल में स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर करवाएं। इस अवसर पर डॉक्टर दीपक पूरी ने बताया कि वर्तमान में सर्वाधिक टीबी के रोगी पटौदी पीएचसी में हैं। बैठक में डा. नरेंद्र यादव, डा. प्रदीप चैहान, एसटीएस योगेश यादव, फील्ड अफसर शिवम शर्मा सहित कई निजी चिकित्सक उपस्थित थे।