बस्तर, छत्तीसगढ़/नगर संवाददाताः नोटबंदी को लेकर भले ही इस बात के दावें किए जा रहे हो कि देश में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा हैं। लेंकिन नक्सल प्रभावित बस्तर की तस्वीर इसके बिल्कुल उल्ट हैं। यहां नोटबंदी का वजह से लोग मौत को गले लगा रहे हैं। ऐसा ही मामला बस्तर के एक इलाके का हैं जहां नोटबंदी की मार झेल रहे एक परिवार में पति-पत्नी दोनों ने मौत को गले लगाने की कोशिश की। जिसमें पति ने दम तोड़ दिया तो वहीं पत्नी अपने जिदां बच जानें पर अफसोस जता रही है। जगदलपुर के महारानी अस्पताल के फीमेल वार्ड के 37 नम्बर बेड पर पड़ी ये महिला अदास आंखों से अपने पति के चले जाने के गम में बोल भी नहीं पा रही। बस्तर के सुकमा जिले के तोंगपाल थाना क्षेत्र के थानापारा इलाके में रहने वाली रीता कश्यप अपने पति समधर और एक साल के बच्चे के साथ जिवन बीता रही थी। पर नोट बंदी का फैसला इनपर कहर बन कर ऐसा टूटा कि इनकी हंसती खेलती दुनियां तबाह हो गई। रीता कश्यप के अनुसार उसका पति राजमिस्त्री का काम करता था। नोटबंदी के बाद उसे काम मिलना बंद हो गया। आर्थिक परेशानी के चलते उसने एक दिन जहर खा लिया। पति को जहर खाता देख रीता ने भी जहर की शीशी से जहर पी लिया। दोनो ने ये भी नहीं सोचा कि उनके 1 साल के मासूम बेटे का क्या होगा। इस बात की जानकारी जब पड़ोसियों को लगी तो दोनों को जगदलपुर के लिए भेजा गया। लेकिन रीता का दुर्भाग्य की पति ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। उधर रीता को गंभीर हालत में जगदलपुर के महारानी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज जारी है। रीता के ससुराल में पति के अलावा कोई नहीं हैं। मायके में पिता हैं जो अब उसकी देखभाल कर रहा है। रीता के पिता के मुताबिक दोनों काफी गरीब हैं और बड़ी मुश्किल से परिवार की गाड़ी मिलकर चला रहे थे इस तरह के हादसे से पिता इस बात से परेशान हैं कि अब विधवा हो चुकी बेटी का भविष्य में क्या होगा। उधर मेकाज चौकी प्रभारी एमजे सिंह ने रीता का बयान दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी हैं। नोटबंदी के भले देश हित में कई फायदें गिनाए जानें के दावें किए जा रहे हों, लेकिन सवाल ये कि जिसकी हंसती-खेलती धर गृहस्थी उजड़ गई हों उसकी जिम्मेदार अब कौन होगा।