गुरुग्राम, हरियाणा, नगर संवाददाता : शहर में सामान्य ऑटो को प्रतिबंधित करने का मामला दिनोंदिन तूल पकड़ता जा रहा है। ऑटो यूनियन अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन करने की तैयारी में है। न्यू गुरुग्राम व डीएलएफ में सामान्य ऑटो के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के कारण ऑटो संचालकों की दैनिक आमदनी पर बड़ा असर पड़ा है उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अधिकांश ऑटो तो अब घर के बाहर खड़े हो गए हैं क्योंकि ज्यादातर सवारियां न्यू गुरुग्राम की ही होती हैं। प्रशासन के निर्णय के मुताबिक न्यू गुरुग्राम व डीएलएफ के अधिकांश इलाके में ऑटो के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऑटो यूनियन के जिला अध्यक्ष सतवीर प्रधान ने कहा कि वह कोर्ट में जाएंगे जबकि फैसले के खिलाफ उनके प्रतिनिधि अधिवक्ता की तरफ से संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जिला उपायुक्त डॉ. यश गर्ग सोमवार को ऑटो यूनियन के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। डीसी से मुलाकात के बाद ही ऑटो यूनियन आगे की रणनीति बनाएगा। समस्या इसलिए भी बड़ी है क्योंकि अधिकांश लोगों ने बैंक से लोन लेकर ऑटो लिया है।
एक अनुमान के मुताबिक शहर में करीब 12 हजार शेयरिंग ऑटो हैं, जबकि निजी व सीएनजी ऑटो की संख्या भी लगभग 6 हजार है। ऐसे में इलाका सीमित किए जाने के कारण ऑटो चालकों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। वाहन मालिकों का कहना है कि उनको इंश्योरेंस वैल्यू दे दी जाए तो वह सड़क से ऑटो हटा लेंगे। ऑटो यूनियन के प्रतिनिधियों ने बताया कि कोरोना के समय में पहले से ही हालत खराब है और ऐसी स्थिति में इस तरीके के मनमाने फैसले थोपकर उनके जीवन को और कठिन बनाया जा रहा है।
ऑटो यूनियन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सुजान सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों को लीगल नोटिस देकर जवाब मांगा है कि किस आधार पर इन्हें रोका गया है। वकील का सीधा सा सवाल यह है कि न तो सुप्रीम कोर्ट और न ही एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है तो फिर ऑटो चालकों के हितों को दरकिनार कर क्यों मनमाने तरीके से ऑटो को प्रतिबंधित किया गया है। वकील का सवाल यह भी है कि क्या संसद से या फिर हरियाणा विधानसभा से इस संबंध में कोई विधेयक पास किया गया है।
ई-वाहन जोन बनाए जाने के बाद सामान्य ऑटो को सिर्फ ईफ्को चौक तक ही जाने दिया जा रहा है। ईफ्को चौक से ई रिक्शा चल रही हैं, जिनके संचालकों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया लेने की बात भी सामने आ रही है। ऑटो चालक संघ का कहना है कि सुनवाई न होने पर वह आंदोलन तेज करेंगे और आमरण अनशन भी करेंगे।