वाशिंगटन। नासा शुक्र के वायुमंडल के अध्ययन के लिए जल्द ही सौर ऊर्जा संचालित यान को भेजने की योजना बना रहा है। उसकी योजना शुक्र पर तैरते शहर के रूप में स्थायी मानव बस्ती बनाने की है। शुक्र पृथ्वी का पड़ोसी ग्रह है।
नासा के लैंगली रिसर्च सेंटर में सिस्टम एनालिसिस एंड कांसेप्ट्स डायरेक्टोरेट के डेल अर्ने और क्रिस जोंस ने कहा कि मंगल से पहले शुक्र पर मनुष्य को भेजने की योजना बनाई जा रही है। नासा का उद्देश्य शुक्र की सतह की बजाय उसके वायुमंडल का अध्ययन करना है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि शुक्र के वायुमंडल की ऊपरी सतह धरती के वायुमंडल के जैसी है। वहां गुरुत्वाकर्षण बल भी धरती के मुकाबले थोड़ा ही कम है। इसके अलावा अंतरिक्षयात्री शुक्र के वायुमंडल में विकिरण से भी सुरक्षित रहेंगे। शुक्र को पृथ्वी के मुकाबले सूरज की 40 प्रतिशत ऊर्जा अधिक मिलती है। धरती और शुक्र के नजदीक से गुजरने के दौरान यान को शुक्र तक पहुंचने में 440 दिनों का समय लगेगा।
सबसे पहले शुक्र पर रोबोट को भेजा जाएगा। इसके बाद दो अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जाएगा जो वहां 30 दिनों तक रहेंगे। यह अभियान करीब एक साल तक चलेगा।