नई दिल्ली/वाशिंगटन, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भारत और अमेरिका की प्रतिष्ठित महिला नेताओं के एक समूह से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं के विकास को अपनी सरकार के मुख्य एजेंडे में शामिल किया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी ने यहां महिला आर्थिक सशक्तिकरण के लिए पहले ‘यूएस-इंडिया एलायंस शैटर समिट’ को ऑनलाइन संबोधित करते हुए यह बयान दिया। ईरानी ने कहा, हम सभी के पास जश्न मनाने की वजह है क्योंकि भारत जी20 अध्यक्षता कर रहा है। मुझे गर्व है कि प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को मुख्य एजेंडे में से एक बनाया है और यह केवल नाम के लिए नहीं है।
विदेश मंत्रालय के फोगी बॉटम मुख्यालय में आयोजित शिखर सम्मेलन में अपने भाषण में ईरानी ने देश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदमों को रेखांकित किया। ईरानी ने शिखर सम्मेलन में कहा, एक भारतीय महिला होने के नाते मैं गर्व से कह सकती हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शासन में महिलाओं संबंधी मुद्दों को केंद्र में रखा है। यह शिखर सम्मेलन महिला आर्थिक सशक्तिकरण के लिए यूएस-इंडिया एलायंस की एक पहल है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय, यूएसएआई, यूएसआईएसपीएफ और जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के बीच एक साझेदारी के तहत इसका आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य अमेरिका और भारत में निजी क्षेत्र, नागरिक संस्थाओं तथा सरकार की प्रतिबद्धताओं को बदलना और भारत में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाना है। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत में महिलाएं सरकारी पहलों और नारी शक्ति को सुगम बनाने के लिए लक्षित प्रयास के तहत काफी विकास कर रही हैं।
उन्होंने कहा, हमें अब भी काफी कुछ हासिल करना है। हमारी यात्रा तब तक पूरी नहीं होगी जब तक कि हर एक महिला हर तरह से अपनी पसंद कायम करने और उसे हासिल करने में सक्षम नहीं हो जाती। लैंगिक भेदभाव और लैंगिक रूढ़िवादिता को समाप्त करने की जरूरत है। आखिरी बाधा पार करने तक हमारे प्रयास जारी रहेंगे।
‘यूएस-इंडिया एलायंस शैटर समिट’ में अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने कहा कि जब महिलाएं सफल होती हैं, तो समावेशिता बढ़ती है तथा भेदभाव कम होता है और जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो समुदाय मजबूत होते हैं तथा अर्थव्यवस्थाएं अधिक लचीली होती हैं। उन्होंने कहा कि भारत और हर जगह तेज व सतत विकास के लिए महिलाएं महत्वपूर्ण हैं। वैश्विक महामारी से पहले एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया था कि लैंगिक समानता कायम होने से 2025 तक भारत की जीडीपी में 770 अरब डॉलर तक का योगदान बढ़ सकता है।