चंडीगढ़, नगर संवाददाता : हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, ‘41 साल बाद कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाकर खिलाड़ियों ने एक बेमिसाल काम किया है।’ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शनिवार को हॉकी चंडीगढ़ द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में टोक्यो ओलंपिक के चंडीगढ़ से संबंधित हॉकी खिलाड़ियों को सम्मानित करने के बाद उन्हें संबोधित कर रहे थे। सम्मान समारोह पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी विशिष्ट अतिथि थे।
राज्यपाल ने पांच खिलाड़ियों को पांच-पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया, जबकि दो कोचों को 2.5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। इस प्रतिष्ठित सम्मान समारोह में सम्मानित होने वालों खिलाड़ियों और कोचेज में रूपिंदर पाल सिंह, गुरजंट सिंह, मोनिका मलिक, शर्मिला देवी, रीना खोखर, शिवेंद्र सिंह और गुरमिंदर सिंह शामिल थे। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत खुशी हुई कि हॉकी टीम में हरियाणा और पंजाब और चंडीगढ़ के सबसे ज्यादा खिलाड़ी थे। राज्यपाल ने कहा कि राज्य की खेल नीति के तहत सरकार गोल्ड मेडल जीतने वालों को छह करोड़, रजत जीतने वालों को छह करोड़ और कांस्य पदक जीतने वालों को 2.5 करोड़ का पुरस्कार दे रही है।’
उन्होंने कहा, ‘हरियाणा सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों को पुरस्कार के रूप में 23.25 करोड़ दिए हैं, सभी राज्यों को खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक खेल नीति तैयार करनी चाहिए ताकि वह और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए हर समय तैयार है।’ इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव अतुल द्विवेदी, करण गिल्होत्रा, हॉकी चंडीगढ़ के महासचिव अनिल वोहरा, गगन अजीत सिंह, पूर्व हॉकी कप्तान और तेजदीप सिंह सैनी, निदेशक खेल यूटी एवं कई अन्य जानी मानी हस्तियां भी सम्मान समारोह में उपस्थित थीं।