मेवात, नगर संवाददाता: करीब एक महिने पहले नहरों में छोड़े गए पानी के चलते किसानों अपनी फसल की बिजाई तो कर दी दूसरा पानी देने के मौके पर नहर में पानी न आने से किसान बेहद परेशान है।, किसानों का कहना है क्या तब पानी छोडा जाएगा जब फसल ही सूख जाएगी? अगर जल्द ही पानी नहीं छोड़ा गया तो बिजाई की गई गेंहू, सरसों की फसल सूख जाएगी।
पुन्हाना उपमंडल के दो दर्जन से अधिक गावों के बीच से गुजरने वाली उजीना ड्रेन में काफी धरना प्रदर्शन के बाद करीब एक महिना पहले फसल की बिजाई के वक्त पानी छोड़ा गया था।
गांव मामलीका निवासी किसान दीन मोहम्मद मामलीका, उमर मोहम्मद, मुजम्मिल, पापड़ा निवासी सौदान पटवारी, अय्यूब, इसरा, अल्ली का कहना है कि उजीना ड्रेन उपमंडल के गांव मामलिका, पापड़ा, गंगवानी, बादली, जाख, पिपरौली, लुहिगां कलां, गोकलपुर, शाहचैखा सहित तीन दर्जन से अधिक गांवों से गुजरती है। उनका कहना है कि फसल की बिजाई के वक्त बड़ी जद्दोजहद के पानी इस नहर में पानी छोड़ा गया था। जिसकी वजह से किसानों ने अपने गेंहू, सरसों आदि फसलों की बिजाई कर ली थी। अब एक महिने से पानी नहीं आ रहा है। अगर जल्द ही पानी नहीं छोड़ा गया तो बिन पानी की छोटी-छोटी फसल सूख जाएगी।
गांव लुहिगां कलां निवासी अशरफ अलवी, ब्लॉक समिति सदस्य शाहिद, शमशेर, हासिम खानख्आस मोहम्मद सहित एक दर्जन किसानो ने बताया की उजीना ड्रेन से हजारों एकड़ खेतों की सिंचाई होती है। फसल की बिजाई हो चुकी है, अब सिंचाई के नहरी पानी की सख्त जरूरत है। उनका कहना है कि अधिकारियों से बार बार कहने पर भी नहर में पानी नही छोड़ा जा रहा है। अगर जल्द ही नहरों में पानी नही छोड़ा गया फसल सूखने से करोंडों रूपये का नुकसान हो जाएगा।
किसानों का कहना हैं कि वे हर साल सरकार को करोड़ो रूपये आबयाना (नहरी पानी से सिंचाई करने पर दिया जाने वाला कर) के पैसे देते है। सरकार जब किसानों से सिंचाई के पैसे लेती है तो समय पर पानी भी छोड़ना चाहिए।
क्या कहते हैं अधिकारी
सिंचाई विभाग पुन्हाना के एसडीओ राजेश कुमार का कहना है कि पीछे से पानी ही नहीं आ रहा है। मेवात और राजस्थान के लिए कम से कम 350 क्यूसिक पानी चाहिए। उन्होने कहा पानी के लिए उच्च अधिकारियों के पास डिमांड भेजी हुई है।