शेखपुरा, बिहार/नगर संवाददाताः नवादा जिले के काशी चक्र अंतर्गत बेलड़ गांव में सरिता कुमारी को दहेज की खातिर लगातार प्रताडि़त किया जाता था। और एक दिन उनकी पुत्री को गले में फंदा डालकर मार दिया गया और ससुराल वालों द्वारा उसे जलाये जाने की तैयारी की जा रही थी वहां एक डिब्बे मे किरोसिन एवं कुछ अन्य सामग्रियों मिली थी। दहेज लोभियों द्वारा बेटी की हत्या के बाद इंसाफ के लिए पीडि़त मां-बाप दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है। इसी तरह एक अन्य घटना में दिनली के सुखदेव विहार में किरन नामक मासूम एवं निर्दोष को दहेज के लिए उसके पति रमेष बग्गा और उसके परिवार वालों द्वारा उसे जला कर मार डाला गया था लेकिन पुलिस प्रशासन की लापरवाही से आरोपियों को सजा न मिल सकी क्योंकि उन्होंने पुलिस प्रशासन पर पैसा चढ़ा दिया था। वर्तमान में इन दहेज हत्याओं को लेकर न तो कभी केंद्र सरकार द्वारा कोई हल किया गया और न ही दिल्ली सरकार की केजरीवाल सरकार ने कोई भी हल ढूंढा है। ससुराल में पहुंचकर इस तरह ही निर्दोष एवं मासूम बेटियों की जानें जाती रहेंगी? क्या कोई है इसका हल?