संजय कुमार, दरभंगा/बिहारः दरभंगा वॉचडॉग व इ-समाद के संयुक्त बैनर तले पहला दरभंगा हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया। बुधवार के सुबह 8 बजे इंद्रा भवन के मुख्य द्वार पर लोगों का काफिला हेरिटेज वॉक को निकला। वॉक की शुरुआत करते हुए कार्यक्रम के संयोजक श्यामानंद झा ने दरभंगा के धरोहर के महत्व और उसके संरक्षण की जरुरत पर प्रकाश डाला। उन्होंने दरभंगा के लोगों में धरोहरों के प्रति उदासीनता के भाव पर दुःख प्रकट करते हुए कहा की कोई भी संवेदनशील व्यक्ति दरभंगा के वर्त्तमान हालात को देखकर चैन से नहीं सो सकता है। दरभंगा में पहली बार आयोजित हुए इस हेरिटेज वॉक में गाइड की भूमिका निभाते हुए पत्रकार व् दरभंगा को लेकर पिछले दो दशकों से शोध में लगे आशीष झा ने हर छोटी बड़ी ईमारत और स्थान से लोगों को परिचित कराया। उन्होंने चौरंगी, मोतीमहल, राज्यसचिवालय, रेलवे टर्मिनल, नरगोना पैलेस, लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस व् बेला पैलेस सहित कई छोटी बड़ी जगहों के निर्माण, वास्तुशैली और उससे जुड़े ऐतिहासिक पक्ष की तथ्यपरक जानकारी भी दी।
हेरिटेज वॉक में शामिल होने पे ख़ुशी का इजहार करते हुए मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साकेत कुशवाहा ने वॉक में शामिल लोगों का कामेश्वर नगर में स्वागत किया। उन्होंने कहा की धरोहर के प्रति लगाव ही हमें सम्रद्धि की ओर ले जायेगा। उन्होंने परिसर के रखरखाव में आम लोगों के सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा की किसी भी एक व्यक्ति या कोई संस्थान से जोड़कर इन धरोहरों को नहीं देखना चाहिए। ये सभी की संपत्ति है और किसी के प्रति नाराजगी का खामयजा इन धरोहरों को नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने सन् 1774 में निर्मित नरगोना टर्मिनल रेलवे स्टेशन को संरक्षित करने की घोषणा की। साथ ही कहा की परिसर के संरक्षण हेतु चल रहे प्रयासों को आगे भी जारी रखा जायेगा। श्री कुशवाहा ने हेरिटेज वॉक के आयोजन को लाभकारी बताते हुए इसे सतत अंतराल पे आयोजित करने की जरुरत बताई।
राजपरिवार की ओर से वॉक में शामिल महाराजा कामेश्वर सिंह के बड़े पोते कुमार रत्नेश्वर सिंह ने कहा की दरभंगा का इतिहास स्वर्णिम रहा है और यह दरभंगा के लोगों का इतिहास है। हमें अपने इतिहास को संजोना चाहिए वही हमारे भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध होगा।
इन्द्र भवन से शुरू हुआ हेरिटेज वॉक का समापन करते हुए बेला पैलेस में डाक प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक एन. आर. मीणा ने कहा की दरभंगा के बारे में बहुत कुछ सुना था लेकिन आज बहुत कुछ नयी जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा की वो इस परिसर के रखरखाव के प्रति आज और भी सजग हुए हैं और इसके सुनहरे इतिहास के सम्बन्ध में जानकर गर्व की अनुभूति कर रहें हैं।
हेरिटेज वॉक में विद्यापति सेवा संस्थान के वैद्यनाथ चौधरी, ल.ना.मि.वि. के खेल पदाधिकारी अजयनाथ झा, तालाब बचाओ आंदोलन से जुड़े नारायण जी, समाज सेविका मीनाक्षी, प्रभाकर पाठक, कमलानंद झा समेत बड़ी संख्या में आम लोग शामिल थे। वॉक में समस्तीपुर से मोहमद परवेज और मधुबनी से अजयधारी सिंह भी शामिल हुए। महाराजा कामेश्वर सिंह के भतीजे मधुबनी ड्योढ़ी के प्रतिनिधि अजयधारी सिंह ने हेरिटेज वॉक के आयोजको को धन्यवाद देते हुए कहा की यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है। और इस तरह के कार्यक्रम मधुबनी और अन्य सम्बंधित स्थानों पे भी किया जाना चाहिए जिससे की आम लोगों में इन स्थानों के जानकारी मिले और उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा हो।