कैथल, हरियाणा, नगर संवाददाता: यहां गेहूं की खरीद न होने से नाराज किसानों ने हिसार चंडीगढ़ नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। गुस्साए किसानों ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को किसान विरोध करार दिया। किसानों की गेहूं की फसल की खरीद का कोई समाधान न निकलने से किसानों में गुस्सा है। सरकार के दावे है कि एक अप्रैल से खरीद शुरू कर देंगे लेकिन आज तक भी गेहूं की सुचारू रूप से खरीद नहीं हो पाई है। किसान कर्मदीप सिंह व भाकियू जिलाध्यक्ष होशियार गिल प्यौदा का कहना था कि वे पिछले चार दिन से मंडी में अपनी गेहूं की फसल लिए बैठे हैं लेकिन उनकी फसल की खरीद नहीं हो रही है। किसानों ने कहा कि एक दिन पूर्व एसडीएम साहब आए थे उन्होंने एक दो ढेरी का तोल करवाया लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। किसानों ने कहा कि वो दो दिन से तो कोई चार दिन से अपनी फसल को लेकर मंडी में बैठा है। रात को मच्छर खा रहे हैं। खलिहान में पड़ी फसल की अलग से चिंता बनी हुई है। इसी प्रकार मौसम में चल रही गड़बड़ी को लेकर भी वे बेहद चिंतित हैं। किसानों ने कहा कि आढ़तियों व लेबर के झगड़े में किसान पिस रहा है। किसानों ने कहा कि आढ़तियों व सरकार का झगड़ा जबकि जबकि जि मीदार को कोई झगड़ा नहीं है वे बेवजह परेशान हो रहे हैं। गेहूं में 9 माउसचर आ रहा है इसके बाद भी खरीद नहीं हो रही है। जाम की सूचना पाकर पुलिस व अधिकारी भी पहुंचे। उन्होंने किसानों को खूब समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन किसानों ने कहा कि पहले खरीद शुरू करें इसके बाद ही बात होगी। उन्होंने प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही के चलते किसान दुखी है। शहर थाना प्रभारी शिव कुमार सैनी ने किसानों को समझाते हुए कहा कि अधिकारियों के बात के बाद उनकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा अब मंडी में अपनी फसल के पास चले जाए लेकिन किसानों ने कहा कि वे तब तक सड़क पर ही डटे रहेंगे।
जाम में इनकों मिली छूट
किसानों द्वारा जाम लगाने से नेशनल हाइवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइने लगी गई। इससे राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस जाम में किसानों द्वारा एक अच्छी पहल भी की गई। किसानों ने जाम के दौरान एंबुलेंस, बीमार व्यक्ति को जाने से नहीं रोका गया।