दिल्ली की जेलों ने कोविड-19 से निपटने के लिए कदम उठाए

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली की जेलों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ा है, क्योंकि पिछले साल महामारी के कारण पेरोल पर रिहा किए कैदी अब लौटेंगे। जेल अधिकारियों के मुताबिक, जेलों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के साथ कैदियों के बीच दूरी के नियम का पालन करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि हालत का प्रबंधन करना तब और मुश्किल हो जाएगा जब पिछले साल महामारी के दौरान पेरोल पर छोड़े गए कैदी लौटेंगे। दिल्ली की तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों में कुल 18,900 कैदी हैं। दिल्ली जेल विभाग की क्षमता 10,026 कैदियों को रखने की है। एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने कहा कि जब आपात स्थिति में पेरोल पर रिहा किए गए कैदी लौटेंगे तो कैदियों की संख्या 20 हजार के पार चली जाएगी। इस बीच जेल अधिकारियों ने घोषणा की कि स्थिति को काबू में रखने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। महानिदेशक (कारावास) संदीप गोयल ने कहा, ‘पिछली बार 14 जनवरी को एक कैदी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। इसके बाद तीन और लोग संक्रमित मिले थे लेकिन उनके बीमार होने का पता जेल में प्रवेश होने से पहले ही चल गया था।’ उन्होंने कहा, ‘नौ जनवरी के बाद से जेल का कोई भी कर्मी संक्रमित नहीं मिला है। लिहाजा जेल के अंदर कोविड-19 की स्थिति काफी नियंत्रित है। हम सभी एहतियाती उपाय करना जारी रखेंगे जिनमें मास्क लगाना, एक-दूसरे से दूरी बनाना और नए कैदियों को पृथक करना शामिल है।’ एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के अनुसार, जेल अधिकारी सतर्क हैं और परीक्षण कर रहे हैं। महामारी के प्रकोप के बीच जेल में भीड़-भाड़ कम करने के विभाग के अभियान के तहत 1,184 दोषियों और करीब 5500 विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया था। जेल में टीकाकरण अभियान पहले शुरू किया जा चुका है। जेल के लगभग सभी कर्मी और सुरक्षा कर्मियों ने टीका लगवा लिया है। दिल्ली में करीब 20 कैदियों ने पिछले हफ्ते कोविड रोधी टीके की पहली खुराक लगवाई थी। दिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस के 813 नए मामले आए थे।

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