नई दिल्ली, नगर संवाददाता: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के पहले मल्टी वेवलैंथ अंतरिक्ष उपग्रह एस्ट्रोसेट की मदद से खगोलविज्ञानियों ने आकाशगंगा में बहुत बड़े गोलकार तारागुच्छ का पता लगाया है जिसमें पराबैगनी किरणों से चमकते तारे हैं। ये तारे बहुत गरम हैं तथा सूरज जैसे तारे बनने के अंतिम चरण में हैं। हालांकि यह साफ नहीं है कि ये तारे किस तरह खत्म होते हैं। पुराने तारागुच्छ को ब्रह्माण्ड का डायनासौर भी कहा जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत भारतीय खगोलविज्ञान संस्थान के खगोलशास्त्रियों ने एस्ट्रोसेट की मदद से पराबैगनी किरणों से चमकते तारों का अपेक्षाकृत शीतल, लाल बड़े तारों से भेद रेखांकित किया है।