लंबी बिमारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का हुआ निधन

भोपाल/नगर संवददाता : भोपाल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर का बुधवार सुबह यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थ। उनकी उम्र 89 वर्ष थी। गौर काफी समय से बीमार चल रहे थे. वह अब उन तमाम लोगों की यादों में जिंदा रहेंगे, जिनके लिए उन्‍होंने पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. मौत को मात दे बार-बार सकुशल वापस आनेवाले बाबूलाल गौर ने बुधवार सुबह भोपाल के नर्मदा अस्पताल में अंति‍म सांस ली. वे इस अस्‍पताल में पिछले चौदह दिनों से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे. इसके पहले जब उनकी तबीयत खराब हुई तो उन्हें गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

डॉक्‍टरों का कहना है कि 89 वर्षीय गौर को 07 अगस्त के दिन अचानक तबियत बिगड़ने पर अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन हुआ था और उनकी किडनी पूरी तरह काम नहीं कर रही थी. उनकी मंगलवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी. अचानक से उनका ब्लड प्रेशर कम होने के साथ पल्स रेट गिरने लगा था. डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार गौर की किडनी ठीक तरीके से काम नहीं कर रही थी. ऐसे में आगे चलकर कुछ और ऑर्गन फेल्योर का खतरा था.

उनके निधन को भाजपा के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की राजनीति में एक युग की समाप्ति कहा है. उन्‍होंने सबसे पहले ट्वीटर पर अपनी श्रद्धांजलि देते हुए दो ट्वीट किए. सिंह ने लिखा कि ‘गौर बीजेपी मध्‍यप्रदेश के आधार स्तंभ थे. पूर्व मुख्यमंत्री, हमारे मार्गदर्शक व जन-जन के नेता श्री बाबूलाल गौर के निधन से दुःखी हूँ. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें व परिजनों को इस गहन दुःख को सहने की क्षमता प्रदान करें. ॐ शांति.’ इसके तुरंत बाद दूसरे ट्वीट में उन्‍होंने लिखा कि ‘आदरणीय बाबूलाल गौर को सत्य के लिए लड़ने वाले सिपाही और मज़दूरों, गरीबों व कमज़ोर वर्ग के हितों के रक्षक के रूप में सदैव याद किया जाएगा. गोवा मुक्ति आंदोलन से लेकर आपातकाल तक में पुलिस की लाठियों का निडरता से सामना करने वाले नायक युगों-युगों तक हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे.’

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह लिखते हैं ‘यह कहते हुए अत्यंत दुःख हो रहा है कि हमारे मार्गदर्शक भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल जी गौर अब हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने प्रदेश में संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे.’ विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने लिखा कि ‘आदरणीय बाबूलाल जी ने मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में अपना सर्वस्व अर्पण किया. मध्य प्रदेश के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है. वे एक अपराजेय योद्धा रहे. उनके निधन से मध्यप्रदेश ने अद्भुत नेता खोया है. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों मे स्थान एवं इस घड़ी का सामना करने की परिवारजन को शक्ति प्रदान करे.’
जीवन एवं कार्य
गौर का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के नौगीर गांव में 02 जून 1930 को हुआ था. 1946 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में ध्‍वज प्रणाम कर स्‍वयंसेवक बने थे. इसके बाद उन्‍होंने हाथों में भारतीय मजदूर संघ का झंडा उठाया तो आगे बड़े श्रमिक नेता के रूप में अपनी उपस्‍थ‍िति मध्‍यप्रदेश में दर्ज कराने में सफल रहे. वह इस संस्‍था के संस्थापक सदस्य भी थे. उन्होंने दिल्ली तथा पंजाब आदि राज्यों में आयोजित सत्याग्रहों में भी भाग लिया था. गौर ने आपातकाल के दौरान 19 माह की जेल भी काटी. 1974 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा बाबूलाल गौर को ‘गोवा मुक्ति आन्दोलन’ में शामिल होने के कारण ‘स्वतंत्रता संग्राम सेनानी’ का सम्मान प्रदान किया गया था।
1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से आप पहली बार चुने गए थेण् सन 1977 में वे गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और वर्ष 2003 तक वहां से लगातार सात बार विधानसभा चुनाव जीतते रहे. उन्होंने 1993 के विधानसभा चुनाव में 59 हजार 666 मतों के अंतर से विजय प्राप्त कर कीर्तिमान रचा था. श्री गौर ने 2003 के विधानसभा चुनाव में 64 हजार 212 मतों के अंतर से विजय प्राप्त कर अपने ही कीर्तिमान को तोड़ दिया. वे दसवीं विधानसभा 1993-1998 में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक, सभापति, लोकलेखा समिति, सदस्य सरकारी उपक्रम समिति, विशेषाधिकार समिति आदि के सदस्य रहे तथा संगठन में नगरीय निकाय के प्रभारी तथा प्रदेश महामंत्री भी रहे.
ग्यारहवीं विधानसभा 1999-2003 में बाबूलाल गौर नेता प्रतिपक्ष बनने के पूर्व ‘भारतीय जनता पार्टी’ के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे. उमा सरकार में श्री गौर को 08 दिसम्बर, 2003 को नगरीय प्रशासन एवं विकास, विधि एवं विधायी कार्य, आवास एवं पर्यावरण, श्रम एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री बनाया गया. उन्हें 2 जून, 2004 को गृह, विधि एवं विधायी कार्य तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री बनाया गया था. बाबूलाल गौर 23 अगस्त, 2004 से 29 नवंबर, 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद वे 4 दिसम्बर, 2005 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में वाणिज्य, उद्योग, वाणिज्यिक कर रोज़गार, सार्वजनिक उपक्रम तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री के रूप में शामिल किए गए थे. 20 दिसंबर, 2008 को उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में फिर से सम्मिलित किया गया था.

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