भोपाल, नगर संवाददाता: मध्यप्रदेश के 66 वें स्थापना दिवस पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि हमारा प्राणों से प्यारा प्रदेश विकास पथ पर तीव्रतम गति से गतिमान हो, हम सब मिलकर प्रदेश की प्रगति और उन्नति में योगदान दें। आइये, नवनिर्माण में जुट जायें।
श्री चौहान ने अपने ट्वीट के माध्यम से बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के प्रत्येक बेटा-बेटी शिक्षित होकर अपने सपनों को साकार करें, इसके लिए वे इनकी राह में आने वाली धनाभाव की बाधाओं को दूर करने के लिए जनकल्याण (संबल) योजना के माध्यम से प्रयासरत हैं। सबको शिक्षा, रोजगार के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, ताकि नागरिकों का जीवन सानंद व्यतीत हो। इस ध्येय की प्राप्ति के लिए योजनाबद्ध प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने सिलसिलवार ट्वीट में कहा कि नागरिकों की खुशहाली और समृद्धि में ही प्रदेश का सम्पूर्ण विकास निहित है। प्रदेश के नागरिकों ने अपने कर्तव्यों का जिस निष्ठा एवं संकल्प के साथ निर्वहन किया, वह प्रशंसनीय भी है और अभिनंदनीय भी। कोविड 19 जैसी चुनौती का सामना कर हम इसे नियंत्रित करने में सफल हुए, तो यह समाज के हर वर्ग के अपरिमित योगदान के कारण संभव हुआ।
श्री चौहान ने कहा कि यह मध्यप्रदेश के नागरिकों, स्वास्थ्यकर्मियों, जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों एवं धर्मगुरुओं के सहयोग का ही प्रतिफल है, जिसके कारण मध्यप्रदेश ने को के संक्रमण की रोकथाम के लिए 7 करोड़ डोज के आंकड़े को इतनी चुनौतियों के बीच पार कर नया इतिहास रच दिया है। मध्यप्रदेश केवल भारत का हृदय प्रदेश ही नहीं है, अपितु प्राणों से प्यारे हमारे इस राज्य ने देश का भी दिल जीतने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता से लेकर पीएम आवास योजना, फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि जैसी अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रदेश ने इतिहास रचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए हम सब आत्मनिर्भर एमपी बनाकर अपना हरसंभव योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य की प्राप्ति में हमारी स्वसहायता समूह की बहनों के हाथों से निर्मित उत्पाद अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रदेश के युवा भी अपना उद्यम स्थापित कर इसमें अपना रचनात्मक योगदान दे रहे हैं।
श्री चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब, कमजोर, जनजातीय परिवार के बच्चों के लिए प्रदेश में अत्याधुनिक सुविधायुक्त सीएम राइज स्कूल खोलेंगे, जिसमें स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, लैब और प्रशिक्षित शिक्षक होंगे। बच्चों को स्कूल ले जाने और वापस घर लाने के लिए बसों की सुविधा भी होगी। राजा, नवाब, अंग्रेज से लेकर वर्ष 2003 तक प्रदेश में कुल सिंचाई क्षमता 7.50 लाख हेक्टेयर थी। हमने बढ़ाकर 42 लाख हेक्टेयर किया। लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक ये 65 लाख हेक्टेयर हो। पानी के आधुनिक तकनीक के साथ तालाबों, बावड़ी और अन्य जल स्रोतों को भी सक्रिय करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम ऊर्जा के अक्षय स्रोत सूर्य से बिजली बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। किसान अपने खेतों में एक या दो मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन करें। उपयोग के बाद शेष बिजली सरकार खरीदेगी और उसका भुगतान भी करेगी। बिजली की उपलब्धता के साथ यह आय का साधन भी होगा।
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना विकास संभव नहीं है। हम महिलाओं को स्व सहायता समूहों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बना रहे हैं। समूहों को इस साल 2500 करोड़ का बैंकों से लोन मिलगा, जिससे महिलाओं की आमदनी प्रतिमाह कम से कम 10 हजार हो जाए। स्वच्छता अभियान में मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने लगातार चार साल शीर्ष स्थान प्राप्त कर देश को स्वच्छता के साथ दृढ़ संकल्प कर्तव्यबोध और जागरूकता सी हर चुनौती पर जीत का संदेश दिया है। कोरोना टीकाकरण में भी इंदौर अग्रणी रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे किसान भाई-बहनों को प्रणाम करते हैं। आपके लगन, परिश्रम से न केवल प्रदेश की खाद्यान्न उत्पादन क्षमता लगातार बढ़ती गई, बल्कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों को भी मध्यप्रदेश ने पीछे छोड़कर लगातार कृषि कर्मण अवॉर्ड हासिल किया। मध्यप्रदेश को नई पहचान मिली। धन्य हैं प्रदेश के नागरिक और राज्य के प्रति इनका समर्पण। उन्होंने कहा कि आप सबसे यही आग्रह है कि इसी पवित्र एवं समर्पित भाव से आप राज्य की प्रगति एवं उन्नति में योगदान देते रहें। वे भी आपको वचन देते हैं कि मध्यप्रदेश को देश का श्रेष्ठतम राज्य बनाकर ही विराम लेंगे।