मौसम अपडेट : दहशत में दिल्ली, 40 साल बाद मंडराया बाढ़ का खतरा

पंजाब/नगर संवददाता : पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण यमुना उफान पर है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है, जिससे दिल्‍ली में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, लोगों में दहशत है। हालांकि 40 साल बाद इतना अधिक पानी यमुना में छोड़ा गया है।
खबरों के मुताबि‍क, हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़े जाने के कारण राजधानी दिल्ली खतरे का निशान पार कर चुकी है और यहां बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, हालांकि 40 साल बाद इतना पानी यमुना में छोड़ा गया है। लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। कुछ रास्ते बंद कर दिए गए हैं, कई लोगों को टेंटों में शिफ्ट किया गया है।
यमुना नदी में आज सुबह 7 बजे जलस्तर 206ः60 मीटर था। आज दोपहर तक जलस्तर 207 मीटर पार जा सकता है। रात 9 बजे जलस्तर 206.40 दर्ज किया गया था। इसे देखते हुए पुराने लोहे के पुल को बंद कर दिया गया। निगम बोध घाट भी यमुना के पानी में डूब चुका है। प्रशासन ने निचले इलाकों को खाली कराने का अभियान मंगलवार से और तेज कर दिया है, लेकिन मयूर विहार, डीएनडी, गीता कॉलोनी और आईटीओ के आसपास के इलाकों में कई लोग अब भी अपनी झुग्गियों में ही रह रहे हैं।
यमुना में पानी बढ़ने की वजह से एहतियातन लोहे के पुल पर रेल यातायात रोक दिया गया है, जिसकी वजह से लंबी दूरी की ट्रेनों को आनंद विहार, तिलक ब्रिज, नई दिल्ली होते हुए पुरानी दिल्ली पहुंचाया जा रहा है। कुछ ईएमयू को रद्द भी करना पड़ा है। प्रशासन ने आईटीओ, मयूर विहार, अक्षरधाम, गीता कॉलोनी में यमुना के निचले इलाकों से कई लोगों को टेंटों में शिफ्ट करवाया। हालात को देखते हुए अतिरिक्त टेंटों की भी व्यवस्था की जा रही है।

उल्‍लेखनीय है कि दिल्ली में बाढ़ के खतरे का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संबंधित विभागों के साथ सोमवार को बैठक कर इससे उत्पन्न होने वाली स्थिति पर विचार.विमर्श कर निपटने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि जानमाल का नुकसान नहीं हो, इसके लिए हरसंभव उपाय किए जाएं। प्रशासन ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।

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