देहरादून, उत्तराखंड/नगर संवाददाताः उत्तराखंड वर्ष 2018 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए खेल विभाग की तैयारियां चल रही हैं, जो एक वर्ष की समयसीमा में पूरी हो जाएंगी। अभी केवल खेल गांव को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। सरकारी आवासीय योजनाओं को कुछ समय के लिए खेल गांव के रूप में विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों के लोगो में छलांग मारता व्यक्ति, पहाड़ व नदियां चित्रित होंगी। वहीं राज्य पक्षी मोनाल इन खेलों का शुभंकर होगा। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों की सार्थकता तभी है, जब इस आयोजन के बाद उत्तराखंड में खेल का माहौल बन सके। उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का प्रदर्शन श्रेष्ठ रखने के लिए अभी से तैयारियां करने पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने विदेशों से ट्रेनर व कोच रखने को भी सहमति दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पूर्व न्याय पंचायत, ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर खेल महाकुंभ का आयोजन किया जाए। खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सभी खिलाडिय़ों को प्रशस्ति पत्र दिए जाएं। उन्होंने चयन प्रक्रिया में विशेष निष्पक्षता व पारदर्शिता रखने की भी बात कही। इस दौरान बताया गया कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल के प्रमुख केंद्र देहरादून व हल्द्वानी होंगे। इसके अलावा टिहरी, पिथौरागढ़, ऋषिकेश, अल्मोड़ा व रुड़की में भी इनका आयोजन किया जाएगा। इन खेलों में उत्तराखंड को बैडमिंटन, बॉक्सिंग, बास्केटबाल, वाटर स्पोर्टस, जूडो-कराटे व एथलेटिक्स में अच्छे प्रदर्शन की संभावनाएं हैं। बैठक में खेलों के दौरान विभिन्न राज्यों से आने वाले खिलाड़ियों के रहने के लिए खेल गांव पर भी मंथन किया गया। इस दौरान प्रदेश में सरकारी योजनाओं के तहत बनने वाले आवासीय भवनों को खेल गांव के रूप में इस्तेमाल करने की संभावनाएं भी तलाशने की बात कही गई। बैठक में मौजूद भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि भले ही छत्तीसगढ़ व गोवा में 36 वें व 37 वें राष्ट्रीय खेलों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन उत्तराखंड में 2018 में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन जरूर कराया जाएगा। बैठक में खेल मंत्री अरविंद पांडेय भी मौजूद थे।