डग्गेमार बसों से वसूली के चक्कर में चौराहों पर लग रहा जाम

आगरा, नगर संवाददाता: शहर के चौराहों पर पुलिस और परिवहन विभाग की अनदेखी के चलते सैकड़ों डग्गेमार बसें लगातार शहर के प्रमुख चौराहों पर जाम लगा रही है। जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन उसके बाद भी पुलिस द्वारा ऐसे वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिसके चलते डग्गेमार वाहन चालकों के हौसले बुलंद है। जिसके कारण शहर के हजारों लोगों को रोजना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे स्थित भगवान टॉकीज फ्लाई ओबर स्थित अबूलाला की दरगाह पर ठेकेदार की मनमानी के चलते पुलिस की मौजूदगी में ऐसा किया जा रहा है। उसके बाद भी संभागीय परिवहन विभाग और प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिससे सरकार को भी करोड़ो का नुकसान हो रहा है। शहर के आईएसबीटी, भगवान टॉकीज, वाटरवर्क्स, रामबाग, बिजलीघर जैसे चौराहों से इन बसों का संचालन किया जाता है। इससे सरकार को कोई लेना देना नहीं है। डग्गेमार बसों का संचालन चौराहों से दबंगों द्वारा किया जा रहा है। जिसके एवज में बसों से मोटी वसूली की जा रही है।

शहर के चौराहों से अन्य जिलों की बसों का संचालन दंबगों द्वारा कराया जा रहा है। इसमें ट्रैफिक पुलिस से लेकर स्थानिय पुलिस तक शामिल है। जिसके चलते सभी का हिस्सा बड़ी ही ईमानदारी से सबके पास पहुंचता है। ठेकेदार के के गुर्गे बसों से अपनी वसूली करते है। वहीं स्थानिय पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के प्राईवेट गुर्गे अपनी वसूली करते है। यह सिलसिला हर एक चौराहे पर देखा जा सकता है। हर एक चौराहे पर अलक अलग ठेकेदार लगे है। जो बसों से वसूली कराते है। लेकिन जानकारी के बाद भी ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं जाती है। जिसके चलते लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है।

ऐसा नहीं है कि बसों से केवल पैसे लेकर छोड़ दिया जाता हो। लेकिन ऐसा नहीं है। ठेकेदारों द्वारा पुलिस से सैटिंग और आरटीओ से गाड़ी छुडाने की जिम्मेदारी भी ठेकेदार लेते है। जिसके चलते ठेकेदार के गुर्गे आरटीओ की पूरी जानकारी रखते है। सूत्रों कि माने तो ठेकेदारों द्वारा आरटीओ को महिनेदारी भी दी जाती है। इसके एवज में हर ऐ बस का नबंर उनके पास होता है। उस बस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिस बस का नंबर नहीं होता उस पर कार्रवाई की जाती है। इससे साफ है की ठेकेदार और पुलिस और परिवहन विभग की साठगांठ के चलते चौराहों पर जाम के हालात बने रहते है। लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिससे सरकार और रोडवेज बसों को भी करोड़ो का नुकसान हो रहा है।

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