नई दिल्ली, नगर संवाददाता: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ‘बैंकिंग कानून (संशोधन)विधेयक, 2021’ का विरोध किया है और आरोप लगाया कि इसे सरकार संसद के इस शीतकालीन सत्र में पारित कराना चाहती है ताकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किया जा सके।
राजा ने पत्र में कहा कि देश के आर्थिक विकास में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मददगार होते हैं और ऐसे बैंकों का निजीकरण करने से आम लोगों एवं पिछड़े इलाकों के हितों को नुकसान पहुंचेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे कदम का विरोध करते हैं। हमारा आपसे आग्रह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और यह प्रस्तावित विधेयक वापस लिया जाए।’’
राजा ने यह दावा भी किया कि सार्वजनिक बैंकों से जुड़ी जो गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) हैं उनमें बड़ा हिस्सा बड़े कारपोरेट समूहों का है।
उनके मुताबिक, बैंकों का राष्ट्रीयकरण विफल नहीं हुआ है, बल्कि कारपोरेट समूहों की ओर से कर्ज नहीं लौटाने के कारण यह संकट पैदा हुआ है।