नई दिल्ली, नगर संवाददाता: राजधानी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए महीने भर तक कचरा जलाने से रोकने का अभियान चलेगा। दिल्ली भर में 10 विभागों की साढ़े पांच सौ टीमें आग की घटनाओं की रोकथाम करेंगी। कचरा जलाने वालों पर टीम की नजर चौबीसों घंटे रहेगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को अभियान की शुरुआत करते हुए गाजीपुर लैंडफिल साइट का निरीक्षण भी किया।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है। दिल्ली के चारों ओर पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं। दिल्ली में खुले में कूड़ा जलाने से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए अभियान की शुरुआत की जा रही है। दस विभागों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इन विभागों ने 550 टीमों का गठन किया है। इसमें से 304 टीमें दिन में और 246 टीमें रात में पेट्रोलिंग कर खुले में कचरा जलाने की घटनाओें की रोकथाम करेंगी। गाजीपुर लैंडफिल साइट का निरीक्षण करने पहुंचे पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पिछले साल नवंबर में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगी थी। कूड़े के इस पहाड़ में जब आग लगती है तो वह कई दिनों तक जलता रहता है। इसका प्रदूषण पूरे वातावरण में फैलता है। इसे देखते हुए निगम से कार्ययोजना देने को कहा गया है ताकि लैंडफिल साइट पर लगने वाली आग को तत्काल नियंत्रित किया जा सके।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े के निस्तारण को लेकर निगम के इंजीनियर और डीपीसीसी के वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट दी है। बताया जा रहा है कि पिछले ढाई वर्षों में केवल 5.5 फीसदी कूड़े का ही निस्तारण किया जा सका है। मंत्री ने कहा कि इस औसत से कचरे का निस्तारण होना मुश्किल दिख रहा है। कूड़े के निस्तारण को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाएगा, ताकि इसका पता लगाया जा सके कि आखिर कूड़े के निस्तारण में इतनी देर क्यों हो रही है।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि राज्यों की आपात बैठक बुलाने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को दोबारा पत्र भेजा जा रहा है। जब चारों तरफ प्रदूषण की स्थिति बनी हुई है तो आखिर केन्द्र सरकार को राज्यों की बैठक बुलाने से परहेज क्यों है। राज्यों की आपात बैठक में प्रदूषण की रोकथाम के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की जानी चाहिए।