अमीर चंद का उनके पैतृक गांव हुआ अंतिम संस्कार

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री 56 वर्षीय श्री अमीर चंद का आज उनके पैतृक गांव बलिया जिले के हनुमानगंज के शिवराम घाट में किया गया। विगत शनिवार देर शाम अरुणाचल प्रदेश में पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक यात्रा के दौरान उनका स्वर्गवास हुआ।
उल्लेखनीय है अमीर चंद वर्ष 1985 में बने थे संघ के प्रचारक: अमीरचंद वर्ष 1985 में संघ के प्रचारक बने और वर्ष 1987 में उन्हें संस्कार भारती में जिम्मेदारी दी गई। वह 1987 में पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रांत संगठन सचिव बने। इसके बाद से वह संस्कार भारती में ही उत्तर प्रदेश, बिहार, कोलकाता और दिल्ली में विभिन्न दायित्वों पर रहते हुए वह अक्टूबर 2018 में संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री बने। देश की कला, संस्कृति, लोकविधाओं, लोक कलाओं व कलाकारों के अभिभावक के रूप में लोकप्रिय अमीरचंद ने पूर्वोत्तर भारत की लोक कलाओं को देश व विदेशों में पहुंचाने का कार्य किया। पूर्वोत्तर भारत की यात्रा में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।
अमीरचंद को अंतिम विदाई देने के लिए रा. स्व. संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रय होसबले जी, कला ऋषि पद्मश्री बाबा योगेंद्र जी सहित संस्कार भारती के अनेक कार्यकर्ता, विख्यात लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी जी, केंद्रीय और उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति मंत्रालय से जुड़े पदाधिकारी और कला जगत से जुड़े कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
संस्कार भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री अभिजीत गोखले ने कहा कि ष्अमीर चंद जी के असामयिक निधन से सम्पूर्ण कला जगत की अपूरणीय क्षति हुई हैं। अभिजित गोखले ने कहा, अमीरचंद जी ने कलाकारों से व्यक्तिगत स्नेह और वैचारिक संवाद की अपनी वैशिष्ट्य पूर्ण कार्यशैली के माध्यम से कला जगत में भारतीय दृष्टि स्थापित करने के लक्ष्य को साकार करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया।

 

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