गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, नगर संवाददाता: घर से अस्पताल को लेकर चली एंबुलेंस में बच्चे की किलकारी गूंजी तो रोड पर आते-जाते लोग भी रुककर देखने लगे। भीड़ बढ़ती देख चालक एंबुलेंस को लेकर सीधे सीएचसी डासना पहुंच गया।
दरअसल मसूरी क्षेत्र के गांव मसौता की रहने वाली अमना को बुधवार सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी। उसके पति रईसुद्दीन ने गांव की आशा नीतू को फोन करके बुला लिया। आशा ने जांच के बाद तुरंत 102 एंबुलेंस सेवा पर काल कर दी। करीब 18 मिनट में एंबुलेंस रईसुद्दीन के घर पहुंच गई। दर्द से कराहती अमना को जिला महिला अस्पताल के लिए एंबुलेंस में लेकर चल दिए। अमना का दर्द बढ़ने लगा। आशा ने निर्णय लिया कि एंबुलेंस को रोड पर साइड में लगाकर डिलीवरी कराना जरूरी है। जोखिम उठाते हुए आशा नीतू, ईएमटी देवेंद्र कुमार और चालक लखमीचंद ने समझदारी का परिचय देते हुए जिदल और मसूरी के बीच रास्ते में ही डिलीवरी करा दी। आधा घंटे में हुई डिलीवरी में अमना ने बेटे को जन्म दिया है। बच्चे का वजन तीन किलो है। अमना के तीन बच्चे पहले से ही है। इस बीच रोड पर आने-जाने वाले लोगों की भीड़ लग गई। बाद में जच्चा-बच्चा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डासना में भर्ती कराया गया है। जच्चा -बच्चा दोनो सुरक्षित है। एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर जयविदर सिंह ने बताया कि एंबुलेंस में ही महिला का सुरक्षित प्रसव कराने पर पूरे स्टाफ को सम्मानित कराया जाएगा।