मियांवली कॉलोनी में 16 अवैध फ्लैटों को सील किया

गुरुग्राम, हरियाणा, नगर संवाददाता: न्यू रेलवे रोड स्थित मियांवली कालोनी में एक निर्माणाधीन इमारत में अवैध रूप से बने 16 फ्लैटों को सील कर दिया गया। मंगलवार को नगर योजनाकार विभाग के डीटीपी एन्फोर्समेंट आरएस बाठ और नगर निगम विभाग की संयुक्त अभियान के दौरान यह कार्रवाई की गई। बाठ ने बताया कि इस इमारत में बिल्डिंग प्लान और भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन किया गया था। लगभग 600 वर्ग गज में बनी इमारत में चार फ्लोर पर कुल 16 फ्लैट बनाए गए थे और बेचना भी शुरू कर दिया था। यही नहीं इमारत में जोनिंग नियमों का उल्लंघन कर बाहर तक निर्माण कर लिया गया था।

डीटीपी बाठ और नगर निगम की एन्फोर्समेंट टीम ने इमारत के बाहरी हिस्से में जेसीबी से तोड़-फोड़ तो की ही साथ ही 16 फ्लैटों को मौके पर ही सील कर दिया गया। बेचने पर रोक लगाने के लिए संबंधित तहसीलों को भी पत्र लिख दिया जाएगा। पुराने गुरुग्राम में निगम अधिकारियो की मिलीभगत से लम्बे समय से अवैध निर्माण का खेल खेला जा रहा हैं। डीटीपी बाठ का कहना है कि पुराने गुरुग्राम की न्यू कालोनी, मियांवली समेत कई कालोनियों में ऐसी इमारतों का चिन्हित किया गया है जहां पर अवैध रूप से फ्लैट बनाकर बेचने का काम किया जा रहा है। अब पुराने गुरुग्राम में लगातार सीलिंग और तोड़-फोड़ अभियान चलाया जाएगा।

नगर योजनाकार विभाग के डीटीपी एन्फोर्समेंट ने मंगलवार को फरुखनगर के गांव साढ़राना में अवैध रूप से विकसित हो रही दो कालोनियों में तोड़-फोड़ की। इनमें से एक कालोनी तो नए सिरे से विकसित हो रही थी। दो अन्य कालोनियां पुरानी थीं, जिनका विस्तार करने की तैयारी की जा रही थी। दोनों कालोनियां लगभग दस एकड़ में विकसित की जा रही थी। पहली कालोनी पांच एकड़ में थी और अभी शुरूआती स्तर पर ही थी। डीटीपी एन्फोर्समेंट आरएस बाठ के नेतृत्व में एक निर्माणधीन इमारत पर पीला पंजा चलाया गया, पूरा रोड नेटवर्क, निर्माणधीन डीपीसी पर भी बुलडोजर चला दिया। दूसरी कालोनी पुरानी थी जो कि पांच एकड़ में विकसित हुई थी उसके विस्तार का काम चल रहा था।

डीटीपीई बाठ ने तोड़-फोड़ के दौरान एकत्र हुए लोगों को कॉलोनी में बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी जानकारियां टाउन कंट्री प्लानिंग के पोर्टल पर अपलोड करने के लिए जागरूक भी किया। प्रदेश सरकार की तरफ से पुरानी अवैध कालोनियों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में कदम उठाया है और पुरानी कालोनियों के डेवलपर या आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों से जानकारी अपलोड करने की अपील की जा रही है।

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