नई दिल्ली, नगर संवाददाता: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की समस्या आम हो चली है। दुनिया के शीर्ष प्रदूषित शहरों में दिल्ली का नाम लिया जाता है। लेकिन अब केजरीवाल सरकार दिल्ली प्रदूषण को लेकर गंभीर नजर आ रही है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए हाल के समय में कई बड़े फैसले लिए हैं। सरकार ने ऑड इवन नियम लागू किया। हाल ही में सरकार ने दिल्ली में ई-वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए ई-वाहनों की खरीद पर सब्सिडी देने, रोड टैक्स मांफ करने का भी ऐलान किया। सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। इसको देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार अब प्रदूषण से निपटने के लिए जनता की सहभागिता बढ़ाने पर विचार कर रही है।
दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली को प्रदूषण मुक्त रखने के विषय पर दो दिवसीय राउंड टेबल कांफ्रेंस करने के बाद इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इसके पर्यावरण पर पड़ोसी राज्यों का गहर असर पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने प्रदूषण को घटान के लिए काफी प्रयास किए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। लेकिन अब हमने प्रदूषण पर पूरी तरह काबू पाने के लिए जनसहभागिता बढ़ाने पर विचार किया है। क्योंकि जनसहभागिता के बिना पर्यावरण को स्वच्छ बनाने का प्रयास सफल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण की रणनीति अपनाई है। लेकिन सीमित भूमि के कारण ज्यादा पेड़ नहीं लगाए जा सकते। गोपाल राय ने कहा कि इसलिए अब हमारी सरकार पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए राज्य की आम जनता को जोड़ने पर विचार कर रही है। हम लोगों के बीच जाएंगे और उन्हें बताएंगे की आपको ऐसा क्या करना है जिससे कि प्रदूषण कम करने में ममद मिले।