नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उत्तरी निगम के रिश्वतखोर सहायक उप-निरीक्षक ओमपाल और जितेंद्र के निलंबन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निगमायुक्त का कहना है कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए सहायक उप निरीक्षक ओमपाल तथा जितेंद्र के मामले में उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश जारी किए गए हैं। इनमें से जितेंद्र को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है, जबकि ओमपाल दो दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं, जिस सफाई निरीक्षक बृज मणि के आवास से 38 लाख रुपये बरामद हुए हैं, उसकी सीबीआई तलाश कर रही है।
सीबीआई उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सहायक उप-निरीक्षक ओमपाल को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पूछताछ के दौरान पता चला है कि वह शिकायतकर्ता सफाईकर्मी का एटीएम कार्ड अपने पास रखता था। जब उसका पुराना एटीएम कार्ड रद्द हो गया तो नया कार्ड उसके आवास पर पहुंच गया था। इस दौरान सफाईकर्मी के खाते में एरियर के आठ हजार रुपये आए थे। आरोपी ओमपाल आठ हजार रुपये और एटीएम कार्ड लेने के लिए सफाईकर्मी पर दबाव बना रहा था। सूत्रों का कहना है कि शिकायतकर्ता (अस्थायी सफाईकर्मी) की तरह और अस्थायी कर्मचारी हैं, जिनके एटीएम कार्ड सहायक उप-निरीक्षक अपने पास रखता है। वह वेतन आने पर एटीएम कार्ड से खुद वेतन निकालकर उसका थोड़ा हिस्सा शिकायकर्ता को देता था, जबकि बड़ा हिस्सा अपने और सफाई निरीक्षक के बीच में बांटता था।
फरार चल रहे सफाई निरीक्षक बृज मणि के आवास से मिले 38 लाख रुपये, चेक बुक और एटीएम कार्ड के बारे में सीबीआई अधिकारी छानबीन कर रहे हैं। सीबीआई का कहना है कि फरार चल रहे सफाई निरीक्षक बृज मणि की तलाश में संभावित स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।
नौकरी से निकालने की धमकी दी थी
बताया गया कि शिकायतकर्ता सफाई कर्मचारी ने जब एटीएम कार्ड सहायक उप-निरीक्षक ओमपाल को देने से इंकार किया तो उसने उसे धमकी दी थी कि वह उसे आगे डयूटी पर नहीं रखेगा। जांच में पता चला है कि शिकायतकर्ता सफाई कर्मचारी का बैंक खाता केजी मार्ग स्थित आईडीबीआई बैंक में हैं जो एमसीडी किशनगंज की तरफ से खोला गया था। वह वर्ष 1998 से एमसीडी में अस्थायी तौर पर ही नौकरी करता है।