नोएडा, उत्तर प्रदेश, नगर संवाददाता: बेसिक शिक्षा विभाग पोर्टल पर उपलब्ध छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति के हिसाब से मिड डे मील देगा। मिड डे मील में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए शासन ने यह कदम उठाया है। बीएसए की ओर से मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निर्देश पर ब्लॉकवार डिटेल जुटाई जा रही है।
मिड डे मील के वितरण में कई बार अनियमितताएं की शिकायतें आई हैं। इसे देखते हुए शासन ने कन्वर्जन कोस्ट समेत मिड डे मील का पूरा ब्योरा ऑनलाइन कर दिया है। स्कूलों में कितने बच्चों को मिड डे मील दिया जा रहा है, इसका ब्योरा विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना होगा। शासन स्तर से जमीनी हालात का मिलान किया जाएगा। यदि गड़बड़ी मिलती है तो कार्रवाई तय है। प्रभारी बीएसए संजय कुमार ने बताया कि मिड डे मील का ब्योरा ऑनलाइन दर्ज होता है।
प्रधानध्यापकों की होगी जिम्मेदारी
प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में हेड मास्टर की जिम्मेदारी होगी कि छात्रों को भोजन उपलब्ध कराएं और भोजन की उपलब्धता का ब्योरा शासन को भेजें। शीर्ष अधिकारी भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
कोरोना काल में बदली व्यवस्था
प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के अनुसार, कोरोना काल में छात्रों को मिड डे मील उपलब्ध कराने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। फिलहाल छात्रों को घर पर ही तय मात्रा में गेहूं और चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा अभिभावकों को भोजन पकाने की लागत दी जाती है। इसकी जानकारी भी प्रधानाध्यापक असफरों को ऑनलाइन उपलब्ध कराते हैं।