गुरुग्राम, नगर संवाददाता: स्ट्रीट वेंडिग घोटाला सामने आने के बाद अब निगम अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। तीन निजी स्ट्रीट वेंडिग एजेंसियों ने लगभग सात करोड़ रुपये निगम के खाते में जमा नहीं करवाकर फर्जीवाड़ा किया है। इसके अलावा ज्यादातर लोगों ने इन एजेंसियों से रेहड़ियां खरीदकर किराये पर दे रखी थीं। ऐसे में नियमों की अवहेलना को देखते हुए किराये पर दी गई रेहड़ियों को दो दिन के अंदर खाली करना होगा। उप निगमायुक्त डा. विजयपाल यादव ने सोमवार को सेक्टर-56 के विभिन्न स्थानों पर स्थित वेंडिग जोन के स्ट्रीट वेंडर्स को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए निगम कार्यालय में बुलाया। उन्होंने सभी स्ट्रीट वेंडर से बातचीत की।
डा. विजयपाल यादव ने कहा कि नियम के अनुसार वेंडिग कार्ट (रेहड़ियों) को न तो दूसरे के नाम से स्थानांतरित किया जा सकता है और न ही उसे किराये पर दूसरे किसी व्यक्ति को दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति दूसरे से वेंडिग कार्ट किराए पर लेकर वेंडिग का कार्य कर रहे हैं, वे सात अप्रैल की शाम तक कार्ट खाली कर दें। इसके अलावा, जिन लोगों ने वेंडिग कार्ट किराये पर दूसरे व्यक्ति को दी हुई है, वो कार्ट को सरेंडर करें। अगर निर्धारित तिथि तक ऐसा नहीं किया जाता है, तो नगर निगम द्वारा अवहेलना करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनका सामान जब्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार कार्ट यानी रेहड़ी पर तंदूर व भट्ठी का उपयोग नहीं किया जा सकता, इसलिए अपने तंदूर व भट्ठी भी वहां से हटा लें। ये आदेश नगर निगम क्षेत्र में स्थित सभी वेंडिग जोन में लागू हैं।