नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली उच्च न्यायालय पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर की याचिका पर पांच अप्रैल को सुनवाई करेगा। अकबर ने याचिका में आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है। अकबर ने यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता मौजूद नहीं थीं। अकबर ने निचली अदालत के 17 फरवरी के आदेश को चुनौती दी है। इसमें रमानी को मामले में इस आधार पर बरी कर दिया गया कि एक महिला को दशकों बाद भी अपनी पसंद के किसी भी मंच पर शिकायतें रखने का अधिकार है। निचली अदालत ने अकबर की शिकायत को खारिज करते हुए कहा था कि रमानी के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ। रमानी ने 2018 में मीटू आंदोलन के तहत अकबर के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे। आरोपों के चलते अकबर ने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
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