रोहतक, नगर संवाददाता: उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने टेक्निकल सपोर्ट ग्रुप (टीएसजी) को निर्देश दिए हैं कि वे हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड के निर्देशानुसार जैविक संसाधनों के आंकड़े इकट्ठा कर क्षेत्र का डाटा तैयार करें। उपायुक्त अपने कार्यालय में इस संबंध में कमेटी ऑफ एक्सपर्ट ऑफ लाइन डिपार्टमेंट फोर बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन एंड यूज की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उपायुक्त ने इस संबंध में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को भी निर्देश जारी करते हुए कहा कि व डाटा तैयार करने में स्पोर्ट ग्रुप की मदद करें।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि जैविक संसाधनों का डाटा इकट्ठा करना बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि बदलते परिवेश में बहुत सी प्रजातियों का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। इस संबंध में उन्होंने जाल वृक्ष का उदाहरण देते हुए कहा कि अब जाल वृक्ष बहुत कम रह गए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की सभी जैविक संसाधनों का रखरखाव करना व उनमें संरक्षण देना जरूरी हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब यह डाटा तैयार हो जाएगा तो इससे क्षेत्र विशेष के जैविक संसाधनों की पहचान भी अलग से हो जाएगी।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि जीव-जंतु, पक्षी, पादप या दूसरे जानवर आदि सभी जैविक संसाधनों में आते हैं। उन्होंने कहा कि रेगिस्तान के पौधों को देखेंगे तो वे अलग से मिलेंगे, वहां के जीव अलग मिलेंगे और जानवर भी अलग होंगे। इसी प्रकार से जलीय क्षेत्र में अलग तरह के जीव पाए जाते हैं और वहां पेड़ पौधे भी अलग तरह के मिलते हैं। इस प्रकार से अलग-अलग क्षेत्रों में जैव विविधता पाई जाती है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए जैव विविधता प्रबंध समितियों का गठन भी किया गया है। समितियों का उद्देश्य जैव विविधता का संरक्षण एवं सतत उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही उसका अभिलेखीकरण भी करना है।
उन्होंने कहा कि समिति का मुख्य कार्य स्थानीय लोगों के परामर्श से जैव विविधता पूंजी (पीपल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर) तैयार करना है। उन्होंने कहा कि इस पूंजी में स्थानीय जैव विविधता संसाधनों की उपलब्धता और जानकारी के साथ-साथ उनके औषधीय अथवा अन्य उपयोग के बारे में व्यापक सूचना एकत्रित करनी होगी। बैठक में उप वन संरक्षण अधिकारी श्रीमती रेनू बाला (आईएफएस), क्षेत्र समन्वयक अक्षय कुमार, कृषि विभाग के उपनिदेशक रोहताश सिंह, जिला बागवानी अधिकारी हवा सिंह, सांख्यिकी अधिकारी विनोद हुड्डड्ढा आदि मौजूद थे।