हमारी महिलाएं जब सशक्त होती हैं तो इतिहास रचा जाता है-डॉ. हर्ष वर्धन

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित किया। इस अवसर पर महिला और बाल कल्याण मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चैबे भी उपस्थित रहे।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, ‘विश्व भर में मनाया जा रहा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमारे जीवन में अप्रतिम योगदान देने के लिए महिलाओं को सम्मान और आभार व्यक्त करने का अवसर देता है।’

उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने भारत को मातृभूमि कह कर पुकारते हैं। हमारे लिए मातृभूमि कोई संकेतात्मक शब्द नहीं है, परंतु एक वास्तविक महिला स्वरूप है। उन्होंने कहा, ‘हमारा दर्शन माता के मस्तिष्क का प्रकटन है। हमारी कला-हमारी कविता और हमारी चित्रकला, हमारा संगीत और हमारे नाटक, हमारी वास्तुकला और हमारी मूर्तिकला और हमारा धर्म माता की आत्मा की व्यवस्थित अभिव्यक्ति है। विदेशी लोग भले ही इसे भारत कहें, हम लोग इसे मातृभूमि के रूप में जानते हैं।’

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘मैं सदैव कहता रहा हूं कि जहां महिला है वहां जादू है। आज का आयोजन हमारी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नहीं है। महिलाएं पहले से सशक्त हैं। यह उस मजबूती को विश्व द्वारा महसूस किए जाने के तरीके को बदलने से संबंधित है।’

जारी महामारी के दौरान वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिला वैज्ञानिकों और महिलाओं की भूमिका को दोहराते और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत में शताब्दियों तक महिला नेताओं का दबदबा रहा है, भले ही यह राज व्यवस्था, धर्म, शिक्षा या व्यापार का क्षेत्र हो। मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि यह गर्व का विषय है कि भारतीय महिलाएं निरंतर योगदान दे रही हैं और वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नेतृत्व कर रही हैं।’ विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के नाते उन्होंने कहा, ‘मैं कोविड-19 महामारी के दौरान मानवता के समक्ष जटिल चुनौतियों के समय विश्व भर की महिलाओं द्वारा रक्षक की भूमिका निभाने में उनके योगदान को महत्वपूर्ण मानता हूं। इससे यह फिर पुष्टि हुई है और यह तथ्य साबित हुआ है कि जब महिलाएं सशक्त होती हैं और वे अग्रिम पंक्ति पर कार्य करती हैं तो इतिहास रचा जाता है।’ उन्होंने कहा कि वास्तव में 2020 को मैं अक्सर विज्ञान का वर्ष कहता रहा हूं जिसने हमें घातक बीमारी पर काबू पाने में मदद दी है। इस कार्य में महिला वैज्ञानिकों का उल्लेखनीय योगदान रहा है।’

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के बंधनों से मुक्ति दिलाने में हुई प्रगति पर जब हम नजर डालते हैं तो मैं दोहराना चाहता हूं कि लिंग समानता और महिला सुरक्षा सदैव हमारी सरकार की नीति निर्धारण और शासन के अभिन्न अंग रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार महिलाओं और कन्याओं को पूर्ण क्षमता हासिल करने के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है। भले ही विज्ञान हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या राजनीति हमारी सरकार महिलाओं को विभिन्न तरीकों से विभिन्न योजनाओं के जरिए सशक्त बना रही है। प्रत्येक क्षेत्र में लिंग समानता में सुधार लाने के लिए संस्थागत स्तर पर व्यवस्थित सुधार करने के लिए कई पहल की गई हैं।’

अश्विनी कुमार चैबे ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन में उपस्थित रहना मेरे लिए प्रसन्नता का क्षण है। महामारी के दौरान महिलाओं के प्रयासों के लिए उनकी सराहना करता हूं और उन्हें बधाई देता हूं। महिलाओं ने महामारी पर काबू पाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’ उन्होंने कहा, ‘महिलाओं ने पुरातन काल से लेकर भारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किसी देश की प्रगति का आकलन महिलाओं की प्रगति से किया जाता है। भारतीय संविधान में भी लिंग समानता का प्रावधान है, जहां महिलाओं की पूजा की जाती है वहां ईश्वर का निवास होता है।’

डॉ. हर्ष वर्धन ने अंत में स्मरण कराया कि भारत अर्द्धनारीश्वर के जादू में विश्वास रखता है, जो यह स्पष्ट करता है कि हमारी सभ्यता में हमेशा पुरूष और स्त्री को समान माना गया है। वे तभी पूर्ण हैं जब एक-दूसरे के पूरक हों। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वेबिनार में वर्चुअल रूप से भाग लिया।

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