गाजियाबाद, नगर संवाददाता: दो साल तक भतीजी से दुष्कर्म करने वाले चाचा को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट महेंद्र श्रीवास्तव की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ में उस पर 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामला लिक रोड थाना क्षेत्र का है। चाचा के हवस की शिकार हुई पीड़िता गर्भवती हो गई थी। हालत बिगड़ने पर उसका गर्भपात कराना पड़ा था।
विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि लिंक रोड थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति परिवार समेत रहता था। 26 अप्रैल 2018 को उसकी नाबालिग बेटी ने पेट में दर्द होने की शिकायत की। स्वजन ने पीड़िता को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया तो उसके चार माह की गर्भवती होने की जानकारी हुई। हालत बिगड़ने पर पीड़िता का गर्भपात कराना पड़ा था। पीड़िता ने बताया कि उसका चाचा बीते दो साल से लगातार उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था। मामले में पिता ने अपने चचेरे भाई के खिलाफ दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जब मामला दर्ज करवाया गया था तब पीड़िता की उम्र मात्र 15 साल थी। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट महेंद्र श्रीवास्तव की अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान बुधवार को विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अभियुक्त पीड़िता का चाचा है। रिश्तों की मर्यादा को ताक पर रखकर वह भतीजी के साथ लंबे समय तक दुष्कर्म करता रहा, जिसके कारण पीड़िता गर्भवती हो गई। अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध अत्यंत घृणित है। अतः उसे अधिकतम दंड से दंडित किया जाए। अभियोजन की तरफ से कुल सात गवाह पेश किए गए। सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया। जुर्माना राशि में से 50 फीसद रकम पीड़िता को दिए जाने के आदेश भी अदालत ने दिए हैं।