हजारों कैदियों को यौगिक क्रियाएं सिखाईं

गाजियाबाद, नगर संवाददाता: जिला कारागार डासना में मंगलवार को ध्यान-योग कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें ऋषिकेश से आए योग भारती ट्रस्ट के संस्थापक आचार्य नीरज योगी ने कैदियों और बंदियों को योग की महत्ता बताने के साथ ही दैनिक जीवन में उपयोगी यौगिक क्रियाएं सिखाईं।

आचार्य नीरज योगी ने कहा कि चेतना का विकास ही असली विकास है। यदि व्यक्ति चैतन्य है तो वह घर, परिवार, समाज और देश का सही तरीके से विकास कर सकता है। उन्होंने कहा आज भले ही विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हों, लेकिन यह असली विकास नहीं है। असली विकास मानव की चेतना का विकसित होना है। जो केवल ऋषि ज्ञान, ध्यान और योग से संभव है। उन्होंने कहा योग आध्यात्म की आत्मा से चेतन्य है। यदि आत्मा का शासन हमारे तन, मन, बुद्धि व इंद्रियों पर नहीं है तो हम कितने भी शिक्षित हो जाएं हमारे निर्णय श्रेष्ठ और चैतन्य नहीं होंगे। इस मौके पर कारागर अधीक्षक आलोक सिंह, जेलर आनंद शुक्ला, डिप्टी जेलर नीरज श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

गोल्फलिंक सोसाइटी में योग कार्यशाला: आचार्य नीरज योगी ने गोल्फ लिंक्स सोसाइटी में भी मंगलवार को लोगों को यौगिक क्रियाएं सिखाईं। उन्होंने चेतना विस्तार, श्वांस-प्रश्वास का सही तरीका, अनुलोम विलोम, कपाल भारती से होने वाले शारीरिक लाभ के लिए क्रियाएं कराई गईं। योग कार्यशाला में देवेंद्र हितकारी, राजकुमार त्यागी, मोहर सिंह, पीपी कर्णवाल, रचना सिंह, डा. सरोज सिरोही, विनोद गिरधर आदि मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here