नई दिल्ली, नगर संवाददाता: कोविड-19 के कारण मेगा लोक अदालत का आयोजन घर-घर लोक अदालत के आधार पर स्कूलों में करने के निर्णय में गुरुवार को बदलाव कर दिया गया। जिला अदालतों के वकीलों द्वारा अदालत की बजाय स्कूलों में लोक अदालत के आयोजन का विरोध किए जाने के बाद अब नए आदेश जारी किए गए हैं। इसके तहत स्कूलों के साथ-साथ सातों जिला अदालतों में आगामी रविवार (14 फरवरी) को लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।
दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण ने गुरुवार को दिल्ली की सातों जिला अदालतों की बार एसोसिएशन की समन्वय समिति से बैठक करने के बाद यह फैसला लिया है। द्वारका बार एसोसएिशन के उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजेश कौशिक ने बताया कि समन्वय समिति ने बुधवार को अदालतों में लोक अदालत न लगाने को लेकर आपत्ति जताई थी। साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस पर विरोध जताया था। इसके बाद प्राधिकरण ने समन्वय समिति के साथ बैठक कर निर्णय में बदलाव करते हुए नए सिरे से आदेश जारी किए हैं।
इस नए आदेश में कहा गया है कि जिला अदालतों में 66 न्यायिक अधिकारी सुनवाई करेगे। ज्ञात रहे कि इस बार की मेगा लोक अदालत यातायात चालानों को लेकर है। एक मार्च 2020 के बाद हुए यातायात चालान का निपटारा इस विशेष लोक अदालत में किया जा सकता है। इसीलिए दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस लोक अदालत को घर-घर लोक अदालत का नाम देते हुए प्रत्येक इलाके के अलग-अलग स्कूलों को चयनित किया है। अब इन स्कूलों के अलावा जिला अदालतों में भी मुद्दई चालान का भुगतान करने जा सकते हैं।