फरीदाबाद, नगर संवाददाता: तीन वर्षीय पवित्र की सड़क दुर्घटना में मौत के सात वर्ष पूरे होने पर परिवारजनों ने समाजसेवियों के साथ मिलकर बाटा चैक के गड्ढे भरे। इस दौरान लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) सहित प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पवित्र के पिता मनोज वाधना ने कहा कि भविष्य में किसी मासूम की गड्ढों के कारण जान न जाए। इसलिए वह समय-समय राष्ट्रीय राजमार्ग और शहर के अंदर की सड़कों के गड्ढों को भरते रहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सड़क पर गड्ढा नहीं होता तो आज उनका बेटा उनके साथ होता। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि एनएचएआई अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही पवित्र की जान गई थी। इस अवसर पर रेनू खट्टर, रोहित, दिनेश, अरूण, आशुतोष, एसके शर्मा, डॉ. सौरभ, बलजीत कौशिक, योगेश धींगड़ा, विनोद कौशिक, उमेश अरोड़ा मौजूद रहे। 10 फरवरी 2014 की रात मनोज वाधवा अपनी पत्नी टीना और तीन साल का बेटा पवित्र के साथ बल्लभगढ़ से फरीदाबाद घर लौट रहे थे। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाटा मोड़ के पास मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ गया और वह सब गड्ढे में गिर गए। इस दौरान पवित्र की मौत हो गई। पुलिस की ओर से गड्ढों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, पवित्र की मौत की वजह सड़क पर निकले नुकीले पत्थरों को बताया। इससे परिजनों में पुलिस और एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ भारी रोष है।
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