नोएडा, नगर संवाददाता: सेक्टर-63 में दूरसंचार विभाग, एटीएस और नोएडा पुलिस टीम ने सुबह 11 बजे छापा मार मंगलवार को फर्जी अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश कर संचालक को गिरफ्तार किया है। आरोपी निजी सर्वर से दूरसंचार विभाग (डीओटी) के भारतीय सर्वर को बाईपास कर भारत में अंतरराष्ट्रीय कॉल करवा रहे था। इससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था।
यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है, क्योंकि इस कॉलिंग का डाटा भारत सरकार के पास नहीं होता है। पुलिस ने लैपटॉप, एसआईपी सर्वर, अन्य सर्वर, सीपीयू, एसआईपी ट्रंक डिवाइस, वीओआईपी डायलर सहित अन्य उपकरण बरामद किए हैं। यहां से पुलिस ने कंपनी की निदेशक के पति कर्म इलाही को गिरफ्तार किया। हिरासत में लिए गए जम्मू कश्मीर के बारामुला स्थित पांजला तालीमनगर निवासी करम इलाही, सोपोर के भटपुरा निवासी बासित फारुक डार और करम इलाही की पत्नी आसिया अफजल संचालित कर रहे थे।
आरोपियों ने अपना ऑफिस खोलने के लिए बिल्डिंग मालिक से 30 दिसंबर 2020 को एग्रीमेंट किया था। इसके बाद चार जनवरी को ऑफिस शुरू किया। पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसी से बचने के लिए आरोपी कंपनी में रखे कर्मचारियों के द्वारा फर्जी कॉल सेंटर बनाकर ऑनलाइन लोगों को ग्रॉसरी का सामान बेचने विज्ञापन करते थे। इसके तहत गिफ्ट देने का भी दावा करते थे। दावा किया जा रहा था कि फरवरी के अंदर में सेल शुरू होगी, जबकि तीनों मुख्य आरोपी कॉल सेंटर की आड़ में फर्जीवाड़ा कर रहे थे। पुलिस आरोपी के भारतीय नंबरों पर ट्रांसफर की गई कॉल का रिकॉर्ड खंगालेगी ताकि पता चल सके कि किस देश से किसके पास कॉल की गई। ताकि पता चल सके कि उनके तार राष्ट्र विरोधी लोगों से तो नहीं जुड़े हैं।
डीओटी की टीम ने सर्वर के इस्तेमाल और राजस्व का मिलान किया तो उसमें भारी अंतर आया। जांच में पता चला कि सेक्टर-63 एच ब्लॉक स्थित बीएसआई पार्क के फर्स्ट फ्लोर में बेस्ट स्टार बी के इंटर प्राइस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में सरकारी सर्वर को बाईपास कर अंतरराष्ट्रीय कॉल्स करवाई जा रही है। आरोपी विदेशों की कॉल्स के लिए चार्ज का महज 10 से 15 फीसदी ही लेते थे। ऐसे में सरकार को प्रतिमाह 20 से 25 लाख रुपये का घाटा और आरोपियों को मोटा मुनाफा हो रहा था।
वीओआईए का मतलब है वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल। इससे इंटरनेट यूजर्स मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप के जरिए इंटरनेट टेलीफोनिक बात कर सकते हैं। वीओआईपी के जरिए इंटरनेट टेलीफोनी साधारण कॉल की तुलना में काफी सस्ती होती है। इस सर्विस में ऐसा कोई नियम नहीं होता है कि किस कॉल के लिए कितनी रकम देनी है। चीन, तुर्की, मलेशिया, यूएई, ओमान, अमेरिका और यूरोप में ऐसे कई देश हैं, जहां वीओआईपी सेवा को ब्लॉक कर रखा है।
वीओआईपी एनालॉग वॉइस सिग्नल को डिजिटल डाटा में बदल देता है। इसके जरिए रियल टाइम टू वे कम्युनिकेशन कर सकते हैं। अगर आप स्मार्टफोन फोन से कॉल कर रहे हैं, तो कॉल सिग्नल दूसरे फोन पर पहुंचने से पहले ही कन्वर्ट हो जाती है। वीओआईपी के जरिए कंप्यूटर, खास वीओआईपी फोन, सामान्य स्मार्टफोन से कनेक्ट होकर कॉल कर सकते हैं।
तीन अगस्त 2020: दूरसंचार विभाग की शिकायत पर सेक्टर-2 और सेक्टर-8 में चल रहे दो फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने फर्जी एक्सचेंज के संचालक को गिरफ्तार किया था। आरोपी निजी सर्वर के माध्यम से फर्जी गेटवे बनाकर भारतीय टेलीफोन नंबरों पर अंतरराष्ट्रीय वॉइस कॉल ट्रांसफर कर रहे थे।
फर्जी अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश करते हुए कई आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपी भारतीय सर्वर को बाईपास कर भारत में अंतरराष्ट्रीय कॉल करवा रहे थे। इससे सरकार को प्रतिमाह 20 से 25 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था।