नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 12 साल पहले हुए एक हादसे में अदालत ने दोषी बस चालक को एक साल की जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने फैसले में माना कि बस चालक ने लापरवाही बरती और सवारी के उतरते समय ही बस आगे बढ़ा दी। इस वजह से उक युवती को अपनी जान गंवानी पड़ी।
कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन गुप्ता की अदालत ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि इस बात में संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है कि यदि बस चालक इस बात पर ध्यान देता कि सवारी उतर रही है तो वह गाड़ी आगे नहीं बढ़ाता और यह हादसा होने से बच जाता। अदालत ने कहा कि दोषी बस चालक की यह दलील बेबुनियाद है कि चलती बस से युवती ने उतरने का प्रयास किया था, जिससे दुर्घटना हुई। चश्मदीद गवाहों ने बताया है कि बस स्टॉप पर रुकी हुई थी, जब हादसा हुआ था।
अदालत ने दोषी बस चालक को निर्देश दिए हैं कि वह एक लाख रुपये का मुआवजा मृतका के पति को दे। अदालत ने कहा कि युवती की मृत्यु की भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन कुछ आर्थिक मदद हो सकती है। पेश मामले में मृतका अपनी बहन के साथ 16 मार्च 2009 को बस से नंदनगरी जा रही थी। जब बस रुकी तो पीड़िता व उसकी बहन उतरने लगे लेकिन तभी चालक ने बस चला दी। इससे युवती पिछले टायर के नीचे आ गई। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।