गाजियाबाद, नगर संवाददाता: कोरोना महामारी से जंग के लिए तैयार हुई देसी वैक्सीन लगवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अफसर तीन हजार स्वास्थ्यकर्मियों को तलाश नहीं पा रहे हैं। एक महीने की मशक्कत के बाद विभाग को पता चला है कि उक्त स्वास्थ्यकर्मियों का मोबाइल फोन आउट आफ रेंज आ रहा है। टीकाकरण केंद्रों के प्रभारी एवं निगरानी टीम इन स्वास्थ्यकर्मियों को फोन मिला मिलाकर थक गए हैं। पोर्टल से लगातार एसएमएस भी भेजा जा रहा है। विभागीय स्तर पर जांच के बाद तय किया गया है कि वैक्सीनेशन के लिए जल्दबाजी में बनाई गई इस सूची में गलत लोगों के नाम एवं आवासीय पते दर्ज हो गए हैं। हकीकत यह है कि सूची में शामिल स्वास्थ्यकर्मी कई साल पहले सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों से नौकरी छोड़कर चले गए हैं। अधिकांश नर्सिंग स्टाफ नौकरी छोड़कर अपने मूल शहरों मद्रास, तमिलनाडु, केरल, मुंबई और कोलकाता वापस चले गए हैं। इसके साथ ही अनेक स्वास्थ्यकर्मी टीका लगवाने के नाम पर असमंजस में हैं। पहले चरण के चार दिनों में 22 हजार स्वास्थ्यकर्मियों के सापेक्ष 11 हजार को ही टीका लगा है।
पहले चरण में 22 हजार स्वास्थ्यकर्मियों की बनाई सूची में गड़बड़ी है। अनेक स्वास्थ्यकर्मी नौकरी छोड़ने के साथ ही निवास छोड़कर चले गए हैं। ऐसे करीब तीन हजार स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेस करने का खूब प्रयास किया जा रहा है। सूची में दिए गए मोबाइल फोन आउट आफ रेंज बताए जा रहे हैं। इनमें अधिकांश निजी अस्पतालों का स्टाफ शामिल हैं। कुछ की लोकेशन मिली है, लेकिन टीकाकरण केंद्रों पर आने को तैयार नहीं हैं। पहले चरण के चार दिनों में 11,907 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।