नई दिल्ली, नगर संवाददाता: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार को पर्यावरण एवं लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर प्लास्टिक और अन्य कचरों को जलाने वालों पर लगातार कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने प्लास्टिक व अन्य कूड़ा जलाते पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
एनजीटी प्रमुख जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने मुंडका गांव निवासी सतीश कुमार और टिकरी कलां गांव के निवासी महावीर सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में मुंडका और नीलवाल गांव में खेती की जमीन पर प्लास्टिक, चमड़े, रबर, मोटर इंजन ऑयल और अन्य अपशिष्ट चीजों को जलाने तथा लगातार अवैध औद्योगिक इकाइयों के चलने से प्रदूषण फैलने का आरोप लगाया गया है। पीठ ने सरकार से कहा है कि वायु प्रदूषण से संबंधित मामला पिछले सात साल से भी अधिक समय से लंबित है और उसे इतने अनिश्चित काल के लिए विचाराधीन रखना उचित नहीं जान पड़ता है। पीठ ने कहा है कि कानून के मुताबिक पर्यावरण नियमों को लागू कराने की दिशा में लगातार कदम उठाना संवैधानिक प्राधिकरणों के लिए जरूरी है। पीठ ने अपने आदेश में नियमों का उल्लंघन करने वालों से वसूली जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि का सीपीसीबी की मंजूरी से पर्यावरण संरक्षण के काम में लगाने का निर्देश दिया है।