नई दिल्ली, नगर संवाददाता: स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री राजदा गहलोत ने बताया कि दक्षिणी निगम पशु-गोबर की समस्या को ध्यान में रखते हुए आज स्थायी समिति की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया कि पशु-गोबर का वैज्ञानिक विधि से निपटारन करने के लिए नजफगढ़ जोन की ककरोला डेरी काॅलोनी मंे पायलट परियोजना शुरू की जायेगी। इस परियोजना के अंतर्गत ककरोला डेरी में एक मशीन लगाई जाएगी जिसके द्वारा वैज्ञानिक रूप से गोबर का निष्पादन किया जायेगा। मशीन के द्वारा गोबर से ब्लाॅक बनाए जायेंगे जिसका उपयोग दाह संस्कार में भी किया जा सकेगा। अगर यह परियोजना सफल होती है तो नंगली सकरावती डेरी, गोयला डेरी, सरिता विहार और छावला डेरी में भी इसे शुरू किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि एन.जी.टी. द्वारा यह निर्देश दिये गए है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पशु-गोबर का उपयुक्त रूप से निष्पादन किया जाए। इन डेरियों का कई बार निरीक्षण किया गया तथा यह समाधान निकाला गया कि इन डेरियों में ऐसी मशीने लगाई जायेगी जिनसे पशु-गोबर का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जायेगा।
सदन के नेता श्री नरेंद्र चावला ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस परियोजना से पशु-गोबर की समस्या का समाधान निकल पायेगा और साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा। इन गोबर ब्लाॅकों को श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकेगा जिससे प्रदूषण में भी कमी आयेगी।