सीमा पर तैनात जवानों को अब पाइप से मिलेगा पीने का पानी

नई दिल्ली/नगर संवाददाताः हिमालय की बर्फीली चोटियों से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान और पूर्वोत्तर के सुदूर इलाकों में सीमा की निगरानी करने वाले जवानों को निर्बाध पीने का पानी मिलेगा। इसके लिए सरकार सीमावर्ती इलाकों में पाइपलाइन बिछाने की तैयारी में है। अभी तक उन्हें स्थानीय स्त्रोतों से पीने का पानी ढोकर मंगाना पड़ता था। गृहमंत्रालय और पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय मिलकर इस योजना को क्रियान्वित करेंगे। गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार की कोशिश सभी सीमा चौकियों को पाइप से पेयजल उपलब्ध कराना है। ताकि सीमाओं की निगरानी में लगे जवानों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो। इस योजना पर लगभग 6000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसे गृहमंत्रालय वहन करेगा। वहीं पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय इसके लिए तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराएगा और इसे राज्य सरकारों की मदद से पूरा किया जाएगा। इस योजना के पूरा होने के बाद पाकिस्तान, चीन, भूटान, बांग्लादेश व म्यांमार की सीमा पर सभी चौकियों को पाइप से पेयजल उपलब्ध होने लगेगा। फिलहाल सीमा चौकियों पर तैनात जवानों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कोई सुनिश्चित प्रणाली नहीं है। रिहाइशी इलाकों से लगी चौकियों पर तैनात जवानों को तो आसानी से पेयजल मिल जाता है, लेकिन हिमालय के 9000 से 18700 फीट की ऊंचाई पर स्थित चोटियों पर तैनात जवानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए यूनिट कमांडेंट को पानी लाने के लिए स्थानीय कुली रखने का अधिकार है। लेकिन खराब मौसम के दौरान इसमें दिक्कत आ जाती है। इसी तरह राजस्थान के रेगिस्तान में ऊंट की मदद से चौकियों तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है। गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले में पेयजल मंत्रालय और सीमावर्ती राज्य सरकारों से विस्तृत विचारविमर्श के बाद योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here