नई दिल्ली/नगर संवाददाताः इसरो के पूर्व प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रो यू आर राव का निधन हो गया। राव को इस साल की शुरुआत में दिल की बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने देर रात 2.30 बजे अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनके देहावसान पर दुख जताया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में राव का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। इसरो के पूर्व अध्यक्ष यूआर राव को इसी साल पदम विभूषण सम्मान दिया गया था। उडुपी रामचंद्रन राव को भारत की अंतरिक्ष और उपग्रह क्षमताओं के निर्माण और देश के विकास में उनके अनुप्रयोगों का श्रेय जाता है।उन्होंने 1972 में भारत में उपग्रह प्रौद्योगिकी की स्थापना की जिम्मेदारी ली थी। राव को उनके काम के लिए इस साल जनवरी में ‘पद्म विभूषण’ प्रदान किया गया था। पुरस्कार मिलने के बाद हेब्बर ने कहा था कि उन्होंने सोचा था कि ये पुरस्कार उन्हें ‘मरणोपरांत’ मिलेगा। इसके अलावा अंतरिक्ष विज्ञान में अहम योगदान के लिए भारत सरकार ने यू आर राव को 1976 में ‘पद्म भूषण’ से भी सम्मानित किया था। उडुपी के एक छोटे से गांव आदमपुर में जन्मे प्रोफेसर राव भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम से सतीश शावन और विक्रम साराभाई के समय से जुड़े थे। 1984 से 1994 के बीच उन्होंने दस साल के लिए इसरो के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।