लखनऊ, उत्तर प्रदेश/नगर संवाददाताः उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में सोमवार शाम एक विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने नाइजीरिया के तीन नागरिकों पर हमला कर दिया। भीड़ ने इन छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और उन्हें घायल कर दिया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गया। ये विरोध प्रदर्शन नोएडा में 12वीं के छात्र की मौत से जुड़ा हुआ था। छात्र की मौत के लिए 5 नाइजीरियाई छात्रों को दोषी बताया जा रहा है, जिन्हें गिरफ्तार करने के बाद फिलहाल रिहा कर दिया गया है। इस घटना के तूल पकड़ते ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। ग्रेटर नोएडा में रहने वाले एक छात्र मनीष खारी की 25 मार्च को मौत हो गई थी। कहा जा रहा है कि उसकी मौत ड्रग्स के ओवरडोज से हुई। इस मामले में छात्र के पिता ने नाइजीरियाई मूल छात्रों उस्मान अब्दुल कादिर, मोहम्मद आमिर, सईद कबीर, अब्दुल उस्मान और सईद अबु वकार के खिलाफ थाने में हत्या का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारणों का स्पष्ट खुलासा नहीं हो पाया है। मृतक का विसरा सुरक्षित रखा गया है। छात्र की मौत के लिए नाइजीरियाई छात्रों को दोषी ठहराए जाने के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां से गुज़र रहे नाइजीरियाई छात्रों के साथ लोगों ने मारपीट की। उनके साथ बदसलूकी की गई। एक मॉल में भीड़ ने छात्र को बेरहमी से पीटा। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी कर ली है, वहीं 54 लोगों की पहचान की गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘मैंने नोएडा में अफ्रीकी छात्रों पर कथित हमले के बारे में उत्तर प्रदेश सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है।’ सुषमा के ट्वीट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया है कि पूरी निष्पक्षता और बिना भेदभाव के जांच की जाएगी।
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