नई दिल्ली/नगर संवाददाताः योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा अपने संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी पर भारत सरकार ने कड़ा विरोध जताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि सभी संपादकीय या विचार व्यक्तिपरक होते हैं। इस मामले में भी ऐसा ही है। देश या विदेश में विशुद्ध लोकतांत्रिक तरीके से हुए चुनाव के नतीजों पर संदेह करने की प्रवृत्ति सवालिया निशान खड़े करती है। गौरतलब है कि न्यूयार्क टाइम्स ने शुक्रवार को अपने संपादकीय में लिखा था कि कट्टर छवि वाले हिंदू संन्यासी आदित्यनाथ योगी को उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी का कदम धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए ‘चौंकाने वाली झिड़की’ है। न्यूयार्क टाइम्स ने ‘मोदी का हिंदू चरमपंथियों के साथ खतरनाक मिलन ’ जैसे आलोचना भरे शब्दों का इस्तेमाल अपने संपादकीय में किया था। संपादकीय में लिखा गया था कि वर्ष 2014 में निर्वाचित होने के बाद से मोदी ने कपटपूर्ण खेल खेला है, एक तरफ उन्होंने विकास एवं आर्थिक वृद्धि के धर्मनिरपेक्ष लक्ष्यों को बढ़ावा दिया तो दूसरी तरफ अपनी पार्टी के कट्टर हिंदू जनाधार को तुष्ट किया है। इस अखबार के मुताबिक, भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हाल के चुनाव में हुई शानदार जीत से मोदी का कद बढ़ा और उन्होंने अपनी हिंदूवादी मंशा जाहिर की और उनकी पार्टी ने उग्र हिंदू संन्यासी योगी आदित्यनाथ को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया। संपादकीय कहता है कि यह कदम धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए चौंकाने वाली झिड़की है, यह एक संकेत है कि 2019 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले राजनीतिक गुणा-भाग से मोदी की भारतीय जनता पार्टी को विश्वास हो चला कि एक धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र को हिंदू राष्ट्र में बदलने के उसके पुराने सपने को साकार करने के रास्ते में केाई रूकावट नहीं है।’’ अखबार ने लिखा था कि आदित्यनाथ ने मुसलमानों को भला-बुरा कहकर अपना राजनीतिक करियर बनाया है।