शिमला, हिमांचल प्रदेश/नगर संवाददाताः अगले माह से बेरोजगारी भत्ता मिलना मुमकिन नहीं है। अभी तक बजट पास नहीं हुआ है। प्रदेश सरकार की ओर से श्रम एवं रोजगार विभाग को इस संबंध में किसी प्रकार की लिखित जानकारी नहीं मिली है। साथ ही बेरोजगारी भत्ता देने के लिए अभी तक औपचारिकताएं भी तय नहीं हुई है। सरकार ने जमा दो पास करने वालो को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है। सरकारी आंकड़ो में सवा आठ लाख बेरोजगारों के नाम दर्ज है। सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव में बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा किया था। सरकार ने अपने अंतिम बजट में बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान किया है। चुनावी वर्ष होने के कारण बेरोजगारी भत्ता राजनीतिक मुद्दा बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में डेढ़ सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। एक हजार रुपये जमा दो या उससे अधिक की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले बेरोजगार युवाओं को प्रति माह मिलेंगे। विकलांग बेरोजगार युवाओं को 1500 रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा। इस संबंध में सरकार की ओर से पात्रता के विस्तृत दिशानिर्देश अभी तक निर्धारित नहीं हुए है। सरकार ने यह स्पष्ट नही किया है कि बेरोजगारो को भत्तों का भुगतान कब से किया जाएगा। अप्रैल से भत्ता दिया जाता है तो सभी बेरोजगारों के खातों में एकमुश्त कई माह का पैसा जमा करवाना होगा। बताते है कि औपचारिकताएं फाइनल होने के बाद बेरोजगारी भत्तों से जुड़ा मामला प्रदेश मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए जाएगा। फिलहाल अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त व प्रधान सचिव श्रम एवं रोजगार दोनों प्रदेश से बाहर है। अभी तक बेरोजगारी भत्तों के लिए कमेटी भी गठित नहीं हो पाई है। जिन परिवारो की सालाना आय दो लाख रुपये से अधिक होगी उनके बच्चों को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलेगा। जो लोग निजी क्षेत्र में नौकरी कर रहे है, वे भी भत्तों से वंचित रहेंगे। यदि रोजगार कार्यालयों में दर्ज लोगों को बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय लिया गया तो सरकार को हर माह 85 करोड़ रुपये चाहिए। अभी तक सरकार की ओर से ऐसी कोई जानकारी नहीं आई है। मैंने दो दिन पहले ही ज्वाइन किया है। बेरोजगारी भत्तों के मामले में कुछ नहीं जानता हूं। – हिमांशु शेखर चौधरी, आयुक्त श्रम एवं रोजगार विभाग।