नई दिल्ली/नगर संवाददाताः महाराष्ट्र में डॉक्टरों के साथ मारपीट के विरोध में दिल्ली के डॉक्टर भी अब लामबंद हो गए हैं। बृहस्पतिवार को राममनोहर लोहिया अस्पताल सहित दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं तो मिलेंगी लेकिन ओपीडी सेवाएं ठप पूरी तरह से रहने की संभावना है। दूसरी तरफ, एम्स में उक्त घटना के विरोध स्वरूप डॉक्टर हेलमेट पहनकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। एम्स की रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. विजय गुर्जर ने बताया कि डॉक्टरों के साथ मारपीट और उन्हें धमकी देने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, इसीलिए डॉक्टरों ने अब अपनी सुरक्षा खुद करने का निर्णय लेते हुए हेलमेट पहनकर काम करना शुरू कर दिया है। वहीं फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स ऑफ दिल्ली (फोडा) ने भी बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में सुबह 9 से शाम 4 बजे तक ओपीडी सेवाएं ठप रखने का फैसला लिया है। वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर हरजीत सिंह का कहना है कि महाराष्ट्र के डॉक्टरों का हमारा समर्थन है और हम लोगों से अपील करते हैं कि डॉक्टरों पर विश्वास बनाए रखें। वहीं, राज्य के हड़ताली डॉक्टरों पर अब महाराष्ट्र सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। राज्य सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों को जल्द से जल्द ड्यूटी पर लौटने को कहा है। महाराष्ट्र के मेडिकल एजुकेशन मंत्री गिरीश महाजन ने डॉक्टरों को आज रात 8 बजे तक ड्यूटी पर लौटने को कहा है। बता दें कि डॉक्टरों पर बढ़ रहे हमले का कड़ा विरोध कर रहे राज्य के तकरीबन 4 हजार डॉक्टर हड़ताल बुधवार को भी हड़ताल पर हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों के आंदोलनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों की खिंचाई करते हुए मंगलवार को कहा था कि उनका व्यवहार ‘शर्मनाक’ है। मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर और न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी ने यह टिप्पणी सोशल ऐक्टिविस्ट अफाक मांडवीय की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी। याचिका में आंदोलनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘अगर आप (डॉक्टर) काम नहीं करना चाहते हैं, तो इस्तीफा दे दीजिए। आप फैक्टरी के कामगार नहीं है कि इस तरह का प्रदर्शन करेंगे। डॉक्टर इस तरह से कैसे व्यवहार कर सकते हैं?’