सरकार ने बंधुआ मजदूरों के लिए त्वरित सहायता बढ़ाकर 20,000 रुपये की

नई दिल्ली/नगर संवाददाताः सरकार ने मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों के लिये त्वरित सहायता राशि मौजूदा 5,000 रपये से बढ़ाकर 20,000 रपये कर दी है। श्रम मंत्री बंडार दत्तात्रेय ने आज यह जानकारी दी।यह वृद्धि जिला बंधुआ मजदूर पुनर्वास कोष के तहत की गई है। दत्तात्रेय ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस योजना के तहत बंधन मुक्त किये गये श्रमिकों को त्वरित सहायता दी जाती है। यह सहायता जिला बंधुआ मजदूर पुनर्वास कोष के तहत उपलब्ध कराई जाती है जो कि जिला अधिकारी तहत काम करता है। इसके तहत त्वरित सहायता राशि को 17 जनवरी 2017 से 5,000 रपये से बढ़ाकर 20,000 रपये कर दिया गया है।’’ श्रम मंत्री ने यह भी कहा कि नई औद्योगिक संबंध संहिता और वेतन संहिता के बारे में विधेयक को संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश कर दिया जायेगा। इस विधेयक में सबंधित सभी विधेयकों को समाहित कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन दोनों विधेयकों पर इस सप्ताह अथवा अगले सप्ताह वित्त मंत्री अरण जेटली की अध्यक्षता वाली मंत्रिस्तरीय समिति में पहले विचार विमर्श किया जायेगा और उसे बाद इन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिये भेज दिया जायेगा। पिछले साल जारी की गई संशोधित बंधुआ श्रमिक पुनर्वास योजना के तहत राज्यों को तय राशि के समान ही और नकद राशि देने की आवश्यकता नहीं है। योजना के तहत इसके अलावा प्रति वयस्क पुरष लाभार्थी के लिये वित्तीय सहायता को 20 हजार से बढ़ाकर एक लाख रपये और विशेष श्रेणी के लाभार्थी के लिये दो लाख रपये कर दिया गया है। विशेष श्रेणी के लाभार्थियों में छोटे बच्चे, बाल श्रमिक और जोर जबर्दस्ती भींग मांगने वाले गिरोह से मुक्त कराये गये बच्चे और महिलायें शामिल हैं। इसके अलावा चकलाघरों, मसाज पार्लर, प्लेसमेंट एजेंसियों जैसे कठिन परिस्थिति में जोर जबर्दस्ती श्रम कराने वाले स्थानों से मुक्त महिलाओं, बच्चों के लिये यह राशि तीन लाख रपये की गई है। ऐसे मामलों में जिलाधिकारी अपने विवेक से निर्णय लेंगे। जिलों में बंधुआ मजदूरों के बारे में सर्वे कराने के लिये प्रति जिला 4.50 लाख रपये की सहायता राशि भी रखी गई है।

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