नई दिल्ली/नगर संवाददाताः अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार को तेज करने की दिशा में सरकार एक बार फिर सार्वजनिक उपक्रमों पर फोकस कर रही है। निजी निवेश की सुस्त रफ्तार और मध्यावधि में इसके तेज होने की कम संभावनाओं को देखते हुए सरकार सार्वजनिक उपक्रमों पर पूरा भरोसा जता रही है। बृहस्पतिवार को बजट में ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर सड़क निर्माण, बंदरगाह और रेलवे के विकास में सार्वजनिक उपक्रमों की महती हिस्सेदारी के संकेत दिये गए हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि सरकार अब एक बार फिर से विकास के लिए होने वाले खर्च में इन कंपनियों की भागीदारी तलाश रही है। वर्तमान सरकार के बीते दो वर्ष से लेकर संप्रग के आखिरी दो-तीन वर्षो में अर्थव्यवस्था में निवेश के लिए पूरा जोर निजी कंपनियों पर रहा है। बजट में सरकारी कंपनियों के एकीकरण और विलय संबंधी घोषणाओं से स्पष्ट है कि सरकार इन कंपनियों को मजबूती प्रदान करने के लिए इन्हें विशाल कंपनियों में तब्दील करने की नीति अपनाने जा रही है। फिलहाल तेल और गैस क्षेत्र में इसकी संभावनाएं देख रही है। लेकिन जानकार मान रहे हैं कि सरकार इस प्रक्रिया को स्टील, खनन जैसे क्षेत्रों के लिए भी अपना सकती है। ऐसा होता है तो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए प्रत्येक सेक्टर के लिए एक विशाल पीएसयू स्थापित करने में मदद मिलेगी।
Latest News
मां बगलामुखी का चित्र विग्रह प्रतिष्ठित।
रिपोर्टर घनश्याम पांडिया श्री श्री 1008 संत श्री गंगा नाथ जी महाराज की बगीची, महंत श्री नंदी नाथ जी महाराज की 41 दिन की...
बिदासर की बेटी वर्षा पांडिया ने बढ़ाया चूरू ज़िले का मान दसवीं बोर्ड में...
रिपोर्टर घनश्याम पांडिया पांडिया परिवार की प्रतिभाशाली बेटी वर्षा पांडिया, पुत्री श्री देवकीनंदन पांडिया ने कक्षा 10वीं के बोर्ड परीक्षा परिणाम में 94.83% अंक...
राजकिय उच्च विद्यालय दुधवा मे सम्मान समारो समारोह का आयोजन किया गया।
रिपोर्टर मनीष कौशिक आज राजकिय उच्च विद्यालय दुधवा मे सम्मान समारो समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि डॉक्टर कंवर सेन व विशिष्ट...